चौधरी ने कृषकों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से संस्थान में किए जा रहे कार्यों की सराहना की और तकनीकी विकास से खेती में आ रही समस्याओं जैसे उचित बीज, कीट एवं रोग की नवीन उपचार करने की जरुरत बताई। मोटे अनाजों के उपयोग पर कार्य करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
खाद्य आपूर्ति के लिए नवीन अनुसंधान जरुरी इस अवसर पर पद्म भूषण भा.कृ.अनु.प. नई दिल्ली के महानिदेशक व पूर्व सचिव (डेयरी) डॉ. आर.एस. परोदा ने विश्व में आगे बढ़ने और भारत की जनसंख्या की खाद्य पूर्ति के लिए नवीन अनुसंधान की जरुरत बताई। इसके योगदान को 1.0 ट्रिलयन डॉलर तक पहुंचाने के लिए एफपीओ और आईसीएआर संस्थानों को साथ में कार्य करने का आहवान किया। मसालों फसलों की विशेष किस्मों का जी.आई तथा पेंटेंट करने पर बल दिया।
कई संस्थानों के प्रमुख हुए शामिल कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर के कुलपति डॉ. बलराज सिंह, डॉ. अजीत कुमार कर्नाटक, कुलपति कृषि विश्वविद्यालय, उदयपुर, डॉ. सुधाकर पांडेय, सहायक महानिदेशक, बागवानी, डॉ. विक्रमादित्य पाण्डेय, प्रधान वैज्ञानिक, नई दिल्ली एवं राज्य के अन्य भा.कृ.अनु.प. संस्थानों के निदेशक शामिल मौजूद रहे।संस्थान के निदेशक, डॉ. विनय भारद्वाज ने आगुंतकों का स्वागत किया। उन्होंने यहां विकसित तकनीकों को किसानों को अपनाने की जरुरत बताई।
पुस्तकों का विमोचन डॉ. आर.एस. परोदा, पूर्व सचिव (डेयर) एवं महानिदेशक ने विभिन्न पुस्तकों का विमोचन किया। कार्यक्रम में संस्थान के विभिन्न वैज्ञानिकों, कर्मचारियों एवं किसानों को प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किए गए।