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अजमेर

ऐतिहासिक धरोहरों की हो रही अनदेखी, करीब 200 वर्ष पुराना देवहंस का किला जर्जर

अन्य इमारतें भी क्षतिग्रस्त
बाड़ी उपखंड के गांव कुदिन्ना से लगभग 3 मील की दूरी पर स्थित ऐतिहासिक देवहंस का किला पूरी तरह से जर्जर हो चुका है, जबकि यह अपने अंदर कई ऐतिहासिक घटनाओं को समेटे हुए है।

अजमेरJul 12, 2022 / 02:52 pm

Dilip

ऐतिहासिक धरोहरों की हो रही अनदेखी, करीब 200 वर्ष पुराना देवहंस का किला जर्जर

ऐतिहासिक धरोहरों की हो रही अनदेखी, करीब 200 वर्ष पुराना देवहंस का किला जर्जर

बाड़ी. बाड़ी उपखंड के गांव कुदिन्ना से लगभग 3 मील की दूरी पर स्थित ऐतिहासिक देवहंस का किला पूरी तरह से जर्जर हो चुका है, जबकि यह अपने अंदर कई ऐतिहासिक घटनाओं को समेटे हुए है। लगभग 200 वर्ष पुराने इस ऐतिहासिक किले का निर्माण सूवा देवहंस द्वारा करवाया गया था। ऐतिहासिक दुर्ग की दीर्घ प्राचीन आज भी अपनी भव्यता का गौरवगान करती देखी जा सकती हैं। लेकिन सरकार व प्रशासन की अनदेखी के चलते यह इतिहास धीरे-धीरे खंडहर में दफन होता चला जा रहा है। बीहड़, बागी और बंदूकों के लिए कुख्यात धौलपुर जिला इस तरह के भव्य इतिहास को भी अपने अंदर रखता है, लेकिन जिम्मेदारों द्वारा उदासीनता रवैया का जो चोला पहन रखा है। उसके चलते यह इतिहास धूमिल होता चला जा रहा है।
अस्तित्व बचाने को कर रहा है संघर्ष
ऐतिहासिक विरासत देवहंस गढ़ का किला बहुत ही भव्य एवं सुंदर है। जिले का मुख्य द्वार मुगलकालीन जैसा है, परंतु उसकी बनावट भारतीय हिंदू किले की तरह है। यहां पर द्वारपालों द्वारा प्रवेश प्रकोष्ठ बनाते हुए मूर्तियां हैं। मुख्य द्वार के ऊपर पंच खंड महल जो दरबार हॉल रहा होगा, बना हुआ है। किला लाल पत्थर द्वारा निर्मित है। खंभा एवं नक्काशी शहतीर डालकर पत्तियों द्वारा बनाई गई है। यह सब अपने आप में ही अद्भुत है।
बाड़ी. उपखंड बाड़ी के डांग क्षेत्र में स्थित देवहंस गढ़ का किला।
इनका कहना है

ऐतिहासिक धरोहर संस्कृति और विरासत की आधारशिला होती हैं। ऐसे में उनका संरक्षण न करना अपनी संस्कृति और विरासत को भुलाना है। प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए।दुर्ग सिंह अंधाना, पूर्व जिला प्रमुख, धौलपुर।
प्राचीन किला, बारादरी, तालाब शाही जैसे कई अन्य ऐतिहासिक स्थल भी धौलपुर जिले को इतिहास में अपना अलग स्थान रखने के लिए पर्याप्त हैं, लेकिन इनका संरक्षण न होना बेहद शर्मनाक है।पूरन सिंह गुर्जर, पूर्व प्रधान बाड़ी।
यदि इन स्थलों का सौंदर्यकरण कर इन्हें देखने के लिए खोला जाए तो लोगों को अपने इतिहास की जानकारी तो मिलेगी ही, साथ ही पर्यटन बढऩे से रोजगार में भी वृद्धि होगी।धनीराम गुर्जर, पूर्व प्रधान बाड़ी।
प्रशासन के साथ-साथ स्थानीय लोगों को भी ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण के बारे में संवेदनशील होना चाहिए, लेकिन देखने को मिलता है कि स्थानीय लोगों द्वारा भी ऐसी ऐतिहासिक धरोहरों का जमकर दोहन किया जाता है।भगवान सिंह गुर्जर, एडवोकेट।
बाड़ी के डांग क्षेत्र में स्थित देवहंस गढ़ का किला बहुत ही भव्य एवं सुंदर है। जिले का मुख्य द्वार मुगलकालीन जैसा है, परंतु उसकी बनावट भारतीय हिंदू किले की तरह है। जिला व स्थानीय प्रशासन व पुरातत्व विभाग की उदासीनता के चलते यह पूरी तरह से खंडहर होता जा रहा है।ओमवीर सिंह गुर्जर, पूर्व सरपंच।

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