एनएच 158: रास से मांडल
राष्ट्रीय राजमार्ग 158 ब्यावर-आसींद-मांडल को ग्रीन नेशनल हाइवे कॉरीडोर प्रोजेक्ट के तहत वल्र्ड बैंक के वित्तीय सहयोग से विकसित किया जा रहा है। 87 किमी लम्बे इस राष्ट्रीय राजमार्ग को डबल लेन में विकसित करने के लिए केन्द्र की ओर से दो पैकेज में कुल 412.95 करोड़ रुपए की वित्तीय स्वीकृति मिल चुकी है। इस राजमार्ग पर दो मेजर पुल 5 माइनर पुलों सहित एक आरओबी का निर्माण होगा। इसके अलावा 104 जंक्शन सुधार, 7 वीयूपी अंडरपास तथा छोटे गावों में बाइपास सड़कों का निर्माण भी होगा। काम चालू हो गया है।
कई शहरों से सीधा संपर्क
इस राजमार्ग के विकसित होने के बाद जोधपुर, पाली, नागौर सहित कई अन्य कस्बों का भीलवाड़ा, चित्तौडगढ़़ तथा कोटा से सीधा सम्पर्क हो जाएगा। इसका लाभ पाली, भीलवाड़ा तथा चित्तौडगढ़़ में सीमेंट,कपड़ा एवं अन्य औद्योगिक इकाइयों को मिलेगा।
भूमि आवाप्ति की स्थिति
राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 158 व 79 को फोरलेन से सिक्स लेन करने के लिए पारित मुआवजा राशि वितरण से शेष रहे खातेदारों को दस्तावेज प्रस्तुति के लिए पुन: नोटिस जारी किए जा रहे है। सरवाड़ तहसील के काशीर, बोराड़ा, फतेहगढ़ और सरवाड़ में भूमि अवाप्ति हेतु अधिसूचना जारी करने हेतु पीडब्ल्यूडी को पत्र लिखा गया है।
एनएच-58 : ब्यावर-गोमती नेशनल हाइवे ब्यावर-गोमती राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-58 को डबल-लेन से फोर-लेन हाइवे में विकसित किया जाएगा। इस परियोजना के लिए केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की स्टैंडिंग फाइनेंस कमेटी ने स्वीकृति प्रदान कर चुकी है। इसके निर्माण पर 721.62 करोड़ रूपए की लागत आएगी। करीब 100 किलोमीटर लम्बाई का यह पूरा प्रोजेक्ट दो पैकेज में पूरा होगा। इस प्रोजेक्ट के तहत 6 फ्लाई ओवर सहित 40 छोटे पुलों का भी निर्माण होगा। काम के लिए टेंडर हो चुका है।
दुर्घटनाओं में कमी आएगी
ब्यावर-गोमती नेशनल हाइवे के फोर-लेन में विकसित हो जाने के बाद इस मार्ग पर सड़क दुर्घटनाओं की आशंका कम हो जाएगी। इस मार्ग पर कई ब्लैकस्पॉट ऐसे थे जहां पर आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती थी। वर्तमान में यह सड़क जयपुर से ब्यावर तक सिक्सलेन तथा गोमती से उदयपुर तक फोरलेन में है। ब्यावर से गोमती तक फोरलेन हो जाने के बाद दिल्ली से जयपुर,अजमेर, ब्यावर, उदयपुर तथा अहमदाबाद तक यातायात सुगम होगा।
भूमि अवाप्ति की स्थिति
राष्ट्रीय राजमार्ग 8 के ब्यावर-गोमती खंड को फोरलेन बनाने के लिए 28.44 करोड रुपए की राशि अवार्ड के रूप में पारित की गई है। जिसमें से 25.85 करोड़ रुपए का मुआवजा वितरित हो चुका है। 2.01 करोड़ रुपए का वितरण शेष है। एडीएम प्रशासन के द्वारा अधीक्षण अभियंता एवं परियोजना निदेशक पीडब्ल्यूडी जोधपुर को इस बारे में सूचित किया गया है।
एएच 89: अजमेर-नागौर-बीकानेर
राष्ट्रीय राजमार्ग 89 को दो लेन बनाने के लिए कुल 87.26 करोड़ रुपए भूमि आवाप्ति के मुआवजे के लिए जमा कराए गए थे। इनमें से 58.94 करोड़ रुपए का भुगतान मुआवजे के रूप में खातेदारों को किया गया। 3.20 करोड रुपए सिविल न्यायालय में जमा कराए गए। इसी प्रकार 2.37 करोड़ रुपए का संशोधित अवार्ड मई 2018 में कायड़, माकड़वाली, गगवाना की भूमि पर ब्याज गणना अधिक होने से प्राप्त हुआ। मुआवजों के संबंध में प्रकरण विभिन्न न्यायालयों में लंबित होने से भुगतान नहीं किया गया।
दूरी कम व समय की बचत होगी इस हाइवे के बनने से अजमेर से पुष्कर, नागौर व बीकानेर जाने में समय व दूरी की बचत होगी। जाम से मुक्ति मिलेगी। नागौर, बीकानेर, पुष्कर का जयपुर दिल्ली से सीधा जुड़ाव होगा।