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अजमेर

राजस्थान में वन्य जीव गणना पर लगा ब्रेक, सामने आई ये बड़ी वजह

लगातार आंधी-तूफान और बरसात के चलते वन विभाग ने सालाना वन्य जीव गणना को निरस्त कर दिया है। अब विभाग साल 2024 में ही गणना कराएगा। वन विभाग प्रतिवर्ष वैशाख पूर्णिमा पर अजमेर, किशनगढ़, टॉडगढ़, जवाजा ब्यावर, शोकलिया, पुष्कर और अन्य क्षेत्रों में वन्य जीव की गणना करता है।

अजमेरJun 03, 2023 / 11:14 am

Kirti Verma

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अजमेर. लगातार आंधी-तूफान और बरसात के चलते वन विभाग ने सालाना वन्य जीव गणना को निरस्त कर दिया है। अब विभाग साल 2024 में ही गणना कराएगा। वन विभाग प्रतिवर्ष वैशाख पूर्णिमा पर अजमेर, किशनगढ़, टॉडगढ़, जवाजा ब्यावर, शोकलिया, पुष्कर और अन्य क्षेत्रों में वन्य जीव की गणना करता है। इस बार 5 मई को गणना होनी थी, लेकिन मई की शुरुआत में प्रदेश में कई जगह बरसात होने से विभाग ने गणना 4 जून को कराना तय किया। मई अंत से प्रदेश में लगातार आंधी, तूफान और बरसात से वन क्षेत्रों में पानी भर गया है।

निरस्त हुई वन्य जीव गणना
प्रधान मुख्य वन संरक्षक अरिंदम तोमर ने आदेश जारी कर बताया कि अधिकांश इलाकों में बरसात होने से इस साल वन्य जीव गणना नहीं होगी। अब साल 2024 में ही गणना कराई जाएगी। मालूम हो कि वनकर्मी विभिन्न क्षेत्रों में मचान बांधकर वन्य जीव की गतिविधियों पर नजर रखते हैं।

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यह थी पिछली गणना की स्थिति
रोजड़ा (नील गाय) -3 हजार, लंगूर-1500, पैंगोलिन नेवला-250, जंगली सूअर-150, मोर-3500 सियार-गीदड़-450, चार-पांच साल से जिले में पैंथर भी चिह्नित किए गए हैं।

यह वन्य जीव विलुप्त
जिले में बाघ, चिंकारा, चीतल, सारस, मछुआरा बिल्ली, गिद्ध, उडऩ गिलहरी, काला हरिण, जंगली मुर्गा, चौसिंगा विलुप्त हो चुके हैं।

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