अजमेर स्थित आनासागर के सभी गेट खोल दिए गए। इससे निचले इलाके जलमग्न हो गए। नूरियावास-दांतड़ा मार्ग पर आनासागर के पानी के तेज बहाव से पुलिया टूट गई। अजमेर के वैशाली नगर के सैक्टर-३ व सागर विहार इलाके में फिर से पानी घरों में घुस गया। यहां सडक़ों पर तीन से चार फीट पानी भरा है। लोग घरों में कैद है। नगर परिषद प्रशासन ने यहां एक दर्जन से अधिक पम्पसैट लगाए हैंं जो दिनरात पानी आनासागर में डाल रहे हैं। अगस्त माह की १ तारीख को भी यहां ऐसे ही हालात बने थे।
बारिश के दबाव से दरगाह सम्पर्क सडक़ पर पहाड़ का एक बड़ा हिस्सा गिर गया। इसके चलते ताराशाह बाबा की मजार मलबे से दब गई। वहीं विद्युत पोल गिरने पर डिस्कॉम ने विद्युत सप्लाई बंद कर दी। कोटड़ा में एक मकान की पट्टियां गिर गई।
खराब मौसम से फ्लाइटें प्रभावित किशनगढ़ एयरपोर्ट पर दिल्ली और अहमदाबाद की फ्लाइट लेंडिंग नहीं कर सकी। ऐसे में दिल्ली की फ्लाइट पुन: दिल्ली रवाना हो गई। अहदाबाद की फ्लाइट ने जयपुर एयरपोर्ट पर लेंडिंग की। हैदराबाद की फ्लाइट अपने तय समय से करीब आधा घंटे पहले पहुंची और एयरपोर्ट पर लेंडिंग किया। खराब मौसम के चलते दिल्ली से आने वाली फ्लाइट किशनगढ़ एयरपोर्ट पर उतर नहीं सकी और इस फ्लाइट को पुन: दिल्ली लौटना पड़ा।
इसी प्रकार अहमदाबाद की फ्लाइट भी किशनगढ़ पहुंची लेकिन यह फ्लाइट भी लेंडिंग नहीं कर सकी और इस फ्लाइट को जयपुर एयरपोर्ट पर उतारा गया। ऐसे में इन दोनों रूट के हवाई यात्रियों को खासा परेशानी का सामना करना पड़ा।
नाडी की पाल टूटी : रूपनगढ़ इलाके में त्यारी गांव की नाडी की पाल टूटने से काफी पानी बह गया। निम्बार्कतीर्थ का तालाब छलछला गया। बारिश से करीब पन्द्रह ग्राम पंचायतों के गांव पानी से घिर गए।
युवक नदी में बहे : केकड़ी उपखंड के लसाडिय़ा स्थित डाई नदी में यागवेन्द्र सिंह नामक युवक बह गया। नदी पार करते समय तेज बहाव में संतुलन बिगडऩे पर युवक गहरे पानी में जा पहुंचा। इसी प्रकार शुक्रवार रात खारी नदी में बहे युवक का अभी कोई पता नहीं चला है।
सूखी सरस्वती नदी में उफनी ‘गंगा’
तीर्थनगरी पुष्कर क्षेत्र में बारिश से हालात बिगड़े हुए हैं। तीर्थ नगरी पुष्कर के गली-मोहल्लों व मुख्य मार्गों में पानी भर गया। पुष्कर सरोवर लबालब हो गया। कड़ैल गांव में बीस साल बाद सरस्वती नदी उफान पर है। बंवाल से बस्सी, खोरी, कड़ैल, मझेवला, डूंगरिया, गांव होती हुई सरस्वती नदी में अथाह जल तिलोरा बांध में जाकर मिलरहा है। यह नदी बाद में नांन्द गांव होती हुई लूनी नदी में शामिल हो जाती है। दो दशक बाद सूखी नदी में अथाह जल बहने पर ग्रामीणों में खासा उत्साह है।
पनेर नदी उफनी,जलाशय छलके रूपनगढ़ क्षेत्र स्थित पनेर नदी उफान पर है। यहां शनिवार ९२ मिलीमीटर बारिश मापी गई। खेत पानी में डूब गए। गांवों के कच्चे रास्ते बंद है। रूपनगढ़ उपरखंड में इस मानसून के दौरान शनिवार तक कुल ५८२ बारिश दर्ज की गई है।
क्षेत्र के रामधन सरोवर, फतह सागर, बनेवड़ी, चंचलसागर, पालुण्डया सहित विभिन्न जलाशयों में पानी छलछला गया। चीताखेड़ा एनीकट, सलेमाबाद ऐनीकट, जाजोता नाड़ी, आदरवा तालाब की चादर चल रही है।