योजना की पैकेज राशि से अधिक खर्चा जिला बार एसोसिएशन अजमेर के पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट राजेश टंडन ने मंगलवार को पत्रकारों के समक्ष यह मामला उजागर किया। उन्होंने बताया कि भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के नोडल ऑफिसर की ओर से भी हृदय रोग विभाग में भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के पैकेज में सीमा से अधिक उपकरण व खरीद कर सरकार को चूना लगाया गया। जबकि संबंधित बीमा कंपनी ने स्वीकृत पैकेज से अधिक उपकरण, दवा क्रय करने वाले मामले में भुगतान से इनकार कर दिया था। बाद में इसके लिए राजस्थान मेडिकल रिलीफ सोसायटी (आरएमआरएस) के माध्यम से भुगतान किया गया। इससे जहां इंश्योरेंस कंपनी को सरकार की ओर से प्रति मरीज जमा करवाई राशि के अलावा आरएमआरएस से फिर भुगतान करना पड़ा। इस तरह की अनियमितताओं के सैकड़ों मामले हैं।
नुकसान का ऐसा गणित
टंडन ने बताया कि 1 अप्रेल 2016 से मार्च 2017 तक 39 लाख 37 हजार 118 रुपए, जनवरी 2016 से मार्च 2016 तक 5 लाख 78 हजार 135 रुपए, अप्रेल 2017 से मार्च 2018 तक 87 लाख 89 हजार 860 एवं अप्रेल 2018 से मार्च 2019 तक 49 लाख 50 हजार 300 रुपए का वित्तीय नुकसान हुआ। यह कुल राशि 1 करोड़ 82 लाख 55 हजार 413 रुपए है।
इन मामलों पर एक नजर (सभी हृदय रोग विभाग) केस-1 मरीज हररू देवी के इलाज के लिए 3 दिसम्बर 2018 को परचेजिंग हुई। पैकेज- 1,28000 रुपये
खरीद- 1,47000 रुपए अधिक व्यय- 19000 रुपए
केस-2 मरीज जैतून के इलाज के लिए 14 अप्रेल 2018 को परचेजिंग। पैकेज- 78000 रुपये
खरीद-1,25,948 रुपए अधिक व्यय-47,948 रुपए केस-3 मरीज ओमप्रकाश के इलाज के लिए 3 नवम्बर 2019 को परचेजिंग।
पैकेज- 30000 रुपये
खरीद- 56,603 रुपए
अधिक व्यय-26,603 रुपए केस-4 मरीज पांचाराम के इलाज के लिए 22 मार्च 2019 को परचेजिंग।
पैकेज-1,28,000 रुपये खरीद-1,32,686 रुपए
अधिक खर्च-4,686 रुपए चिकित्सकों से पृथक कमेटी की मांग टंडन ने इस संबंध में संभागीय आयुक्त डॉ. आरुषि मलिक को ज्ञापन देकर चिकित्सकों के अलावा अन्य अधिकारियों की जांच कमेटी गठित करवाकर मामले की जांच करवाने व मामले का पर्दाफाश करने का आग्रह किया है।
कोई अनियमितता नहीं हुई सरकार की स्पष्ट गाइड लाइन है कि मरीज के इलाज के लिए इंश्योरेंस कंपनी निर्धारित पैकेज का खर्चा वहन करेगी और अगर इस पैकेज से अधिक राशि इलाज में खर्च हो रही है तो इसके लिए मेडिकल कॉलेज/अस्पताल स्तर पर एक कमेटी गठित है जो अप्रूवल जारी करती है। पैकेज से जितनी अधिक राशि खर्च हुई है वह आरएमआरएस से भुगतान की जाएगी। इनमें कोई अनियमितताएं नहीं हुई हैं।
डॉ. अनिल जैन, अधीक्षक, जेएलएन अस्पताल