मेडिकल कॉलेज परिसर में कॉर्डियोलॉजी विभाग के पीछे स्थित इन्टर्न हॉस्टल में एमबीबीएस छात्र के कमरे पर अवैध रूप से कब्जा कर ठहरने का मामला सामने आया। प्रिंसिपल डॉ. आर.के. गोखरू ने शनिवार को एक टीम हॉस्टल के निरीक्षण के लिए भेजी। टीम के पहुंचने पर कमरा नम्बर १४७ में मेडिसिन विभाग में ट्रेनिंग के लिए भरतपुर से आए डॉ अनूप सिंह ठहरे हुए थे।
टीम के पहुंचने पर काफी देर तक डॉ. सिंह ने दरवाजा नहीं खोला। दरवाजा खुलने पर टीम में मौजूद वरिष्ठ चिकित्सक के साथ अभद्र व्यवहार किया। जांच में सामने आया कि डॉ. सिंह एमबीबीएस अंतिम वर्ष के छात्र विनोद रोलानिया के कमरे पर अवैध रूप से कब्जा जमाए हुए थे।
कमरे में डबल बैड-एसी
जांच टीम ने कमरा खुलवाया तो चिकित्सकों की आंखें खुली रह गई। कमरे में दो टन का एसी, डबल बैड समेत कई इलेक्ट्रॅानिक उपकरण मौजूद थे। मामला कॉलेज प्रशासन तक पहुंचने पर डॉ. सिंह ने आनन-फानन में अपना सामान हटा लिया। हालांकि मामले की विभागीय जांच के लिए प्रिन्सिपल डॉ. गौखरू ने डॉ. अनिल जैन, डॉ. रेखा माहेश्वरी और डॉ. गीता पचौरी की जांच कमेटी गठित की गई है।
फेल कराने व रैगिंग की धमकी जानकारी के मुताबिक एमबीबीएस अंतिम वर्ष के छात्र विनोद रोलानिया ने भी प्रिंसिपल डॉ. गोखरू को डॉ. सिंह के खिलाफ शिकायत दी है। इसमें बताया गया है कि डॉ. सिंह उसे रैगिंग और मेडिसिन में फेल कराने की धमकी देकर कमरे पर कब्जा जमा रखा था।