अजमेर

नागौर की धाया बनी युवाओं के लिए प्रेरणा, शिक्षा की राह में आई बाधाओं को पार कर बनी इलेक्ट्रिकल इंजीनियर

कड़ी मेहनत के बावजूद कई बच्चे पिछड़ जाते हैं लेकिन नागौर की सील गांव की धाया पिंडेल युवाओं के लिए प्रेरणा हैं।

अजमेरJan 19, 2025 / 11:08 am

Lokendra Sainger

ajmer news

रक्तिम तिवारी
अजमेर। विज्ञान विषय पढ़ने वाले ज्यादातर किशोर वर्ग के बच्चों का सपना डॉक्टर या इंजीनियर बनना होता है। कड़ी मेहनत के बावजूद कई बच्चे पिछड़ जाते हैं लेकिन नागौर की सील गांव की धाया पिंडेल युवाओं के लिए प्रेरणा हैं। आठवीं कक्षा तक सरकारी स्कूल में पढ़ाई की। उसके बाद पढ़ाई में आने वाली परेशानियों व चुनौतियों का सामना करते हुए अपने सपने को पूरा किया। बाधाओं के बावजूद लक्ष्य से नहीं चूकीं।

कॉलेज के शिक्षकों ने मदद की

धाया कहती हैं कि इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ाई की शुरुआत होते ही आर्थिक परेशानियां शुरू हो गई थीं। कई बार फीस भरने के लिए भी पैसे नहीं होते थे। उसकी योग्यता व लगन देख कॉलेज के शिक्षकों ने मदद की ठानी। कई शिक्षकों ने फीस जमा करा उसे प्रोत्साहित किया। निजी प्लेसमेंट कंपनियों ने भी परीक्षा और इंटरव्यू लेने के बाद छात्रवृत्ति शुरू की।
यह भी पढ़ें

साइबर ठगों का ऐसा जाल… ठगी की राशि बैंक खातों में आ रही ऑनलाइन, व्यापारी और आमजन के बैंक खाते हो रहे सीज

इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में हुआ चयन

धाया के पिता बताते हैं कि बारहवीं कक्षा के बाद आइआइटी में जाने की इच्छा बताई। तब उसे जेईई मेंस-एडवांस की तैयारी के लिए सीकर भेजा। उनका चयन जेईई मेंस के जरिए इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में हुआ। अब वह जॉब कर रही हैं।
धाया पिंडेल के पिता मात्र बारहवीं पास हैं। वह गांव में खेती करते हैं। मां निरक्षर हैं, परिवार में वही एकमात्र इंजीनियर हैं।- धाया पिंडेल

Hindi News / Ajmer / नागौर की धाया बनी युवाओं के लिए प्रेरणा, शिक्षा की राह में आई बाधाओं को पार कर बनी इलेक्ट्रिकल इंजीनियर

Copyright © 2025 Patrika Group. All Rights Reserved.