जिसमें बताया कि बीजेपी पार्टी के समस्त पदाधिकारी और कार्यकर्ता खुद भ्रष्ट हैं। वसुंधरा सरकार में बिना पैसों के लेनदेन के जिले में कोई काम नहीं होता था। ऐसे में जो चोर हैं, वे ही आरोप लगाते हैं। उनका खुद का कोई आधार नहीं है। पूर्व विधायक जसवंत सिंह के खिलाफ धौलपुर के विभिन्न थानों में कई मामले दर्ज हैं। वे चार बार विधानसभा का चुनाव हार चुके हैं। इस बार यदि फिर से खड़े होंगे तो 30 हजार मतों से हराकर भेजूंगा। बीजेपी का कोई जनाधार नहीं है। ऐसे में अब वे आरोप की राजनीति कर रहे हैं।
उन्होंने कहा यदि मैं जुआ, सट्टा या शराब माफिया से मिला या मोहल्ले में ऐसा होता है, तो इसकी जांच कराए। सरकार के नियमों के हिसाब से काम हो रहा है। यदि कहीं दारू बिक रही है या जुआ सट्टा हो रहा है तो उसको पुलिस को पकडऩे का काम है। मैं किसी के काम में दखलंदाजी नहीं देता हूं और ना ही नगरपालिका, पंचायत समिति जैसे विभागों में से मेरा कोई लेना देना है।
जसवंत सिंह के पास केवल आरोप लगाने का काम है। ढाई साल बाद वह क्षेत्र में दिखाई दे रहे हैं और कोरोना का बहाना लगा रहे है। कोरोना काल में जब लोग परेशान थे, तब बीजेपी के नेताओं में से कोई कहीं भी दिखाई नहीं दिया। कोरोना के थमने के बाद एमपी मनोज राजोरिया सहित तमाम बीजेपी पदाधिकारी अस्पताल में फोटो खिंचवाते जरूर नजर आए। जनता सब जानती है, कि कौन काम करता है और कौन नेतागिरी।
जसवंत गुर्जर के समय में बीजेपी की दो बार सरकार रही, लेकिन कोई विकास कार्य नहीं हुआ। जनता के विकास की नीव रखी है और लगातार हर क्षेत्र में विकास हो रहा है। मलिंगा की प्रेस वार्ता के दौरान बसेड़ी विधायक खिलाडी लाल बैरवा भी मौजूद रहे।