जून 2015 में स्मार्ट सिटी मिशन लांच किया गया था इसका कार्यकाल पांच वर्ष निर्धारित किया गया था,लेकिन अधिकतर समय बीत जाने के बावजूद मिशन गाइड लाइन के अनुसार लक्ष्य से पीछे चल रहा है। इस मुद्दे पर कई बार चर्चा हो चुकी है,यहंा तक संसदीय कार्य समिति की बैठक में भी यह मुद्दा था। केन्द्र सरकार ने इन शहरो को आवंटित की गई राशि को 30 जून तक खर्च करने और उपयोगिता प्रमाण पत्र (यूसी) भेजने के निर्देश दिए थे। इसके अलावा केन्द्र सरकार ने 2017-18 तक आवंटित की गई राशि का विवरण जुलाई के अंत तक भेजने को कहा है, ऐसा नही करने पर खर्च से शेष राशि व आवंटित राशि रिकवर की जाएगी। स्मार्ट सिटी अजमेर को 196 करोड़ का फंड जारी किया गया लेकिन 65.16 करोड़ की यूसी जून तक केन्द्र सरकार को नहीं भेजी गई। स्मार्ट सिटी कोटा को 196 करोड़ का फंड मिला लेकिन 113.48 करोड की यूसी जून तक केन्द्र सरकार को नहीं भेजी गई। स्मार्ट सिटी जयपुर को 196 करोड़ का फंड जारी किया गया लेकिन 54.77 करोड़ की यूसी जून तक केन्द्र सरकार नहीं भेजी गई।