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अजमेर

Ajmer Sharif Urs 2024: ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का 813वां उर्स, पहुंचने लगे जायरीन; कल उतरेगा संदल

Garib Nawaz Urs 2024: जायरीन के लिए 15 वाटर प्रूफ डोम, नमाज के लिए डोम और छोटे-छोटे टेंट लगाए गए हैं।

अजमेरDec 30, 2024 / 03:06 pm

Alfiya Khan

Garib Nawaz Urs 2024:
Ajmer Sharif Dargah: अजमेर। ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के 813 वें उर्स के लिए विश्राम स्थली में जायरीन पहुंचने लगे हैं। कड़ाके की सर्दी के चलते जायरीन के लिए 15 वाटर प्रूफ डोम, नमाज के लिए डोम और छोटे-छोटे टेंट लगाए गए हैं। स्थानीय व्यापारियों ने कपड़े, खिलौने, चाय- दूध के अलावा अन्य सामग्री की दुकानें लगानी शुरू कर दी है।
कायड़ विश्राम स्थली में प्रशासनिक कैंप के तहत बिजली, पानी, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सहित नगर निगम, एडीए के टेंट लगाए गए हैं। सर्दी को देखते हुए 15 वाटर प्रूफ डोम और नमाज के लिए पृथक डोम बनाया गया है।

जायरीन में बांटेगे संदल

अंजुमन सैयद जादगान के सचिव सरवर चिश्ती ने बताया कि 28 जमादि उस्मानी यानि 31 दिसम्बर को सालभर में पेश किया गया संदल उतारा जाएगा। संदल का जायरीन में वितरण किया जाएगा। 29 जमादि उस्मानी यानि 1 अथवा 2 जनवरी को सुबह 4.30 बजे जन्नती दरवाजा खोला जाएगा।
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रजब का चांद देखने के लिए हिलाल कमेटी की बैठक शाम 6.30 बजे होगी। चांद दिखाई देने पर 1 अथवा 2 जनवरी को पहली महफिल होगी। छह रजब यानि 7 अथवा 8 जनवरी को छठी शरीफ पर सुबह 9 से 4 बजे तक आस्ताना शरीफ जायरीन के लिए बंद रहेगा। खुद्दाम पारंपरिक रस्म निभाएंगे।

उर्स के दौरान यों होगी खिदमत

सचिव चिश्ती के अनुसार चांद रात (1-2 जनवरी) से छह रजब (7-8 जनवरी) तक आस्ताना शरीफ सुबह 4 बजे खुलेगा और खिदमत होगी। इसके बाद शाम 7.30 बजे खिदमत और पहला गुस्ल और रात्रि 12.30 बजे गुस्ल दिया जाएगा। 9 रजब यानि 10-11 जनवरी को सुबह 9 बजे खिदमत होगी। इसके बाद दोपहर 3 बजे खिदमत होगा। शाम 4 से रात्रि 9.30 बजे आस्ताना खुला रहेगा।

छड़ियां लेकर दूदू से रवाना हुए मलंग

ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के 813 वें उर्स के लिए मलंग छड़ियां और झंडे लेकर रविवार को दूदू पहुंचे। अंजुमन सैयद जादगान के सदस्य सैयद इमरान चिश्ती भी मलंगों के साथ पैदल चल रहे हैं। मलंग दूदू से रवाना होकर अजमेर की तरफ रवाना हुए। वह छड़ियां और झंडे लेकर सोमवार शाम तक गगवाना पहुंचेंगें। उनका यहां ठहराव होगा। बुधवार को मलंग-फकीर अजमेर पहुंचेंगे और गंज स्थित कुतुब साहब के चिल्ले पर रुकेंगे। इसके बाद वह परम्परानुसार गरीब नवाज की दरगाह में छड़ियां और झंडे पेश करेंगे।

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