पृथ्वीराज नगर: 2700 भूखंड, 27 से भी कम बने मकान अरावली की तलहटी में माकड़वाली रोड स्थित पृथ्वीराज नगर योजना 2007 में सत्रह साल पूर्व अस्तित्व में आई थी। इसमें विभिन्न श्रेणियों में 2705 भूखंड थे। लेकिन एक फीसदी 27 भूखंड में भी मकान नहीं बन सके हैं। कुछ पूर्व सैनिकों या बाहर से आए लोगों ने जरूर गिने-चुने मकान बनाए हैं। उन्हें भी सड़क, पानी बिजली की पर्याप्त सुविधाएं सुलभ नहीं हैं। कई बार स्वयं के स्तर पर ही इंतजाम करने होते हैं। हाईकोर्ट में भूमि व मुआवजे के विवाद चल रहे हैं। कई जगह अतिक्रमण के हालात हैं। जंगल बने योजना क्षेत्र व क्षतिग्रस्त सड़क के चलते रहना दुश्वार है।
विजयाराजे सिंधिया नगर भी बदहाल 536 भूखंडों की पृथ्वीराज नगर योजना से सटी विजयाराजे नगर योजना जो तत्कालीन नगर सुधार न्यास द्वारा वर्ष 2018 में शुरू की गई थी। इसे एनआरआई योजना के नाम से शुरू किया गया था। इसमें अप्रवासी भारतीयों के सहयोग से योजना को विकसित किया जाना था लेकिन यह अटक गई। इसके बाद इसका नाम बदला गया। योजना के आवंटन आदि पूरे होने के बावजूद इक्का-दुक्का मकान ही बने हैं।
उच्च जलाशय निर्माणाधीन अजमेर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि दोनों आवासीय योजना के लिए उच्च जलाशय का निर्माण किया जा रहा है। सीवरेज लाइन डाली जा रही है। संपर्क सड़क, पार्क की चारदीवारी, पौधरोपण, विद्युत सब स्टेशन आदि के कार्य हो चुके हैं। मूलभूत सुविधाएं पूरी होने के बाद यहां निर्माण कार्य तेज होने की उम्मीद है।