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अजमेर

पुलिस ने फायरिंग कर पकड़ा दो जवानों की हत्या का फरार आरोपी

-भीलवाड़ा पुलिस ने जालोर, बाड़मेर व जोधपुर पुलिस की मदद से ऑपरेशन दिया अंजाम-मुठभेड़ के दौरान पैर में गोली मारकर दबोचा आरोपी

अजमेरAug 08, 2021 / 02:59 am

manish Singh

पुलिस ने फायरिंग कर पकड़ा दो जवानों की हत्या का फरार आरोपी

पुलिस ने फायरिंग कर पकड़ा दो जवानों की हत्या का फरार आरोपी

अजमेर.
भीलवाड़ा जिले के कोटड़ी व रायला थाना क्षेत्र में चार माह पहले पुलिस के दो जवानों की गोली मारकर हत्या कर फरार एक लाख के इनामी बदमाश पाबूराम गोरसिया को शनिवार तड़के जालोर जिले के करड़ा थाना क्षेत्र में भाटीप गांव में दबोचा गया। पुलिस की गिरफ्त में आने से पहले आरोपी ने दो राउंड फायर किए। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में उसके पैर में गोली लगी। छत से कूदकर भागने के प्रयास में उसके पैर की हड्डी टूट गई। पुलिस को अब वारदात के मुख्य आरोपी की तलाश है। पुलिस ने उस पर भी शिकंजा कस दिया है।
सरेंडर की चेतावनी पर की फायरिंग

पुलिस महानिरीक्षक(अजमेर रेंज) एस. सेंगाथिर ने बताया कि शनिवार तड़के 3 बजे भीलवाड़ा पुलिस ने जालोर के भाटीप में ऑपरेशन को अंजाम दिया। पुलिस ने पाबूराम को उसके ननिहाल भाटीप में चारों तरफ से घेर लिया। पुलिस ने छत पर सो रहे पाबूराम को सरेंडर की चेतावनी दी, लेकिन उसने पुलिस पर फायरिंग कर दी। पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की और मुठभेड़ में आरोपी के पैर में गोली लग गई। जख्मी हालत में छत से कूदकर भागने की कोशिश में उसकापैर फ्रेक्चर हो गया। वह मूलरूप से बागोड़ा थाना क्षेत्र के वाड़ा भाड़वी का निवासी है।
पुलिस रख रही थी नजर
सेंगाथिर ने बताया कि भीलवाड़ा एसपी विकास शर्मा पाबूराम के जालोर के ठिकानों पर नजर रखे हुए थे। शुक्रवार रात को पाबुराम के ननिहाल आने की सूचना थी। इसके बाद पुलिस ने शनिवार तड़के उसे चारों तरफ से घेर लिया।
45 हजार नम्बर खंगाले

सेंगाथिर ने बताया कि आरोपी की गिरफ्तारी के लिए साइबर सेल ने घटनास्थल के टावर, तस्करों के काम में लिए गए मार्ग, सीसीटीवी कैमरे की फुटेज, मोबाइल नम्बर, तकनीकी उपकरण, सहयोगियों को चिह्नित कर उनके मोबाइल फोन कॉल की डिटेल हासिल कर गम्भीरता पूर्वक विश्लेषण के बाद फरार हुए हार्डकोर बदमाशों के लिप्त होने और उनकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा सके।
पनाहगार पकड़े, कई जगह दबिश
सेंगाथिर ने बताया कि आरोपियों की धरपकड़ के लिए एसपी भीलवाड़ा विकास शर्मा ने उपनिरीक्षक सुरजीत व सुनिल ताड़ा के साथ विभिन्न टीमों के साथ सूचना संकलित की। गुजरात, हरियाणा, दिल्ली, पंचकुला, हांसी, रेवाड़ी, नागौर, जोधपुर, चंडीगढ़ में उनके ठिकानों पर दबिश दी। आरोपियों को पनाह देने वालों को गिरफ्तार किया। जैसलमेर, बीकानेर और जोधपुर में आरोपियों के छिपे होने की सूचना पर बाड़मेर, जालौर, बीलवाड़ा के 100 से ज्यादा पुलिसकर्मियों की टीम ने संयुक्त कार्रवाई की।
कब कौन गिरफ्तार. . .
-17-18 अप्रेल को मुख्य सरगना सुनील डूडी को जोधपुर फलौदी के खारा से गिरफ्तार किया।

-20 अप्रेल को रामदेव जाजड़ा को हैदराबाद में पीछा कर दबोचा
-23 अप्रेल को नेताराम विश्नोई को मध्यप्रदेश हरदा से गिरफ्तार किया
-12 मई को यशवंत सिंह भायला उर्फ बंटी को गुजरात से
-25 जून को जयपुर मुख्यालय ने शेष 5 आरोपियों पर 50 हजार का ईनाम घोषित

-12 जुलाई को कैलाश मांझू की हत्या की सुपारी देने वाले 5 आरोपी गिरफ्तार
-05 अगस्त को जालौर डीएसटी ने रमेश विश्नोई को चित्तौडगढ़़ न्यायालय से पकड़ा
-6-7 अगस्त को कुख्यात बदमाश पाबूराम को जालौर भाटीप में दबोचा

कैलाश मांझू की ली थी सुपारी
आईजी एस. सेंगाथिर ने बताया कि पुलिस की लगातार कार्रवाई व पड़ताल में सामने आया कि गिरोह के सरगना व वांछित अपराधी राजेश उर्फ राजू फौजी ने जोधपुर के कुख्यात तस्कर कैलाश मांझू की हत्या की सुपारी ली है। गत 12 जुलाई को पुलिस ने जोधपुर में दबिश देकर राजू फौजी को शरण देने व मांझू की हत्या की सुपारी देने वाले सुभाष कडवासरा, मनोहर सिंह राजपूत, मनोहर सिंह भणियाणा, दिनेश बम्बानी को पकड़ा।
एनकाउंटर के भय से सरेंडर

आईजी सेंगाथिर ने बताया कि प्रकरण में भीलवाड़ा एसपी विकास शर्मा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मॉनिटरिंग का जिम्मा संभालते हुए ऑपरेशन को अंजाम दिया। शर्मा जालोर एसपी भी रह चुके हैं। ऐसे में जालोर के भौगोलिक हालात से वाकिफ थे। पुलिस के सख्त रुख, संभावित एनकाउंटर के भय से ही रमेश विश्नोई ने चित्तौडगढ़़ एनडीपीएस कोर्ट में सरेंडर किया था। जिसे भीलवाड़ा पुलिस ने प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किया। रमेश पर भी एक लाख का इनाम था।

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