ये है फायदा घरेलू उपभोक्ता 1 से 10 किलोवाट तक का सौर ऊर्जा प्लांटलगा सकता है। हाउसिंग सोसायटी को प्रति फ्लैट 10 किलोवाट के हिसाब से अधिकतम 500 किलोवाट की क्षमता का सौर ऊर्जा प्लांट लगाने की अनुमति है जिस पर लागत की 20 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी। उपभोक्ता के यहां स्वीकृत विद्युत भार को अधिकत 80 प्रतिशत क्षमता का रू फ टॉप सौर ऊर्जा प्लांट लगाया जा सकता है। रू फ टॉप सौर ऊर्जा प्लांट से उत्पादित बिजली जो कि कि ग्रिड में जाएगी इसका नेट मीटरिंग के जरिए बिजली कम्पनी द्वारा उपभोक्ता के बिजली बिलों में समायोजन किया जाएगा। सौर ऊर्जा से उत्पादित बिजली यदि 100 यूनिट से अधिक बिजली ग्रिड में जाती है तो बिजली कम्पनी द्वारा 3 रुपए 14 पैसे की दर से उपभोक्ता को भुगतान किया जाएगा। लेकिन 100 यूनिट से कम है तो उसे अगले बिलों में इन यूनिटों का सामायोजन अगले बिलों में किया जाएगा। इससे उपभोक्ता के बिजली बिल में कमी आती है। प्रदूषण में कमी तथा विद्युत वोल्टेज में सुधार होता है। 1 किलोवाट क्षमता के सिस्टम के लिए छाया रहित 100 वर्ग फीट (लगभग) क्षेत्र आवश्यक है। इस प्लांट से प्रतिदिन 4 यूनिट से अधिक का बिजली का उत्पादन।
इन जिलों में लगेंगे प्लांट अजमेर डिस्कॉम के तहत आने वाले अजमेर,भीलवाड़ा, नागौर, सीकर, झुंझुनूं, उदयपुर, बांसवाड़ा, चित्तौडगढ़़, राजसमन्द, डूंगरपुर तथा प्रतापगढ़ जिले में 5 मेगावाट के सौर ऊर्जा प्लांट लगाए जाएंगे। जयपुर डिस्कॉम के 11 जिलों में 25 मेगावाट के सौर ऊर्जा प्लांट लगाए जाएंगे। जबकि जोधपुर डिस्कॉम में के तहत ओन वाले जिलों में 15 मेगावाट के सौर ऊर्जा प्लांट लगाए जाएंगे।
प्रतिमाह 600 यूनिट बिजली का उत्पादन
सौर उर्जा के 5 किलोवाट के प्लांट से प्रतिमाह 600 यूनिट बिजली का उत्पादन होता है। 5 किलोवाट के प्लांट की स्थापना लागत 2 लाख 13 हजार रुपए है, इस पर 68 हजार से अधिक की सब्सिडी देय है। उपभोक्ता को 5 किलोवाट प्लांट के लिए 1 लाख 45 हजार भुतान करना पड़ेगा। प्लांट की आयु 25 वर्ष तक होती है जबकि उपभोक्ता द्वारा खर्च राशि 3 साल में वसूल हो जाती है।
इनका कहना है
घरेलू उपभोक्ताओं के लिए इस अनुदान राशि बढ़ाकर योजना को लाभप्रद बनाया गया है। जिससे लघु एवं मध्यमवर्गीय घरेलू विद्युत उपभोक्ता विशेषतौर से लाभान्वित होंगे।
-आर.बी.सिंह, परियोजना प्रबन्धक, आरआरईसी अजमेर/उदयपुर संभाग read more:बिजली चोरी पर एफआईआर दर्ज