scriptGujarat: बुलंद हौंसलों से गांवों में दिव्यांग महका रहे उद्यमिता की खुशबू | With high spirits, the differently abled are spreading the fragrance of entrepreneurship in the villages | Patrika News
अहमदाबाद

Gujarat: बुलंद हौंसलों से गांवों में दिव्यांग महका रहे उद्यमिता की खुशबू

राज्य व केन्द्र सरकार की मदद से दिव्यांगों को उद्यमिता के गुर सिखा रहा ईडीआईआई-राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस पर विशेष

अहमदाबादDec 03, 2024 / 10:24 pm

nagendra singh rathore

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बुलंद होते हैं इरादे अगर तो मुश्किलें आसां हो जाती हैं। इस पंक्ति को गुजरात के ग्रामीण दिव्यांग चरितार्थ कर रहे हैं। वे अपनी मेहनत से गांवों में उद्यमिता की खुशबू फैला रहे हैं। अहमदाबाद स्थित भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान (ईडीआईआई) गुजरात व केन्द्र सरकार की मदद से राज्य के दिव्यांगों को उद्यमिता के गुर सिखा रही है। इससे आज कई दिव्यांग न सिर्फ खुद के पैरों पर खड़े हुए हैं, बल्कि उनकी कमाई भी दोगुना हो गई है।

हर माह 2.40 लाख कमा रहे कालू मियां

खेड़ा जिले की महुधा तहसील के नानी खडोल गांव निवासी दिव्यांग कलूमियां मलेक महुधा-डाकोर रोड पर नाश्ते की दुकान चलाकर हर माह 2.40 लाख कमा रहे हैं। वे बताते हैं कि अगस्त 2023 में उन्होंने ईडीआईआई के एसबीआई फाउंडेशन के स्वावलंबन प्रोजेक्ट के तहत प्रशिक्षण लिया। इसमें उन्हें पता चला कि व्यापार में समय का कितना महत्व है। पहले वे सुबह 8 बजे दुकान खोलते थे। प्रशिक्षण के बाद सुबह पांच बजे से दुकान खोलने लगे तो आय दोगुनी हो गई है। हर रविवार 20 हजार से ज्यादा का भजिया बेचते हैं। गांव की दिव्यांग इलाबेन प्रजापति भी ट्रेनिंग लेकर सिलाई, कटलरी की दुकान में फोटो कॉपी मशीन लाकर हर माह 50 हजार कमा रही हैं। शिराजबेग मिर्जा नाश्ते की दुकान से हर माह 70 हजार तो बरकतअली सैयद सब्जी-फल बेचकर हर माह 80 हजार कमा रहे हैं।

आणंद के गांवों में उद्यमिता की महक फैला रहे दिव्यांग

आणंद जिले के वहेराखाड़ी गांव निवासी 10 दिव्यांगों ने महीसागर दिव्यांग ग्रुप बनाकर गांव और आसपास के गांवों में अगरबत्ती बेचना शुरू किया है। मंदिर, मस्जिद और घर-घर जाकर ये बिक्री करते हैं। ग्रुप के छत्र सिंह ने बताया कि मई 2024 से 10 दिव्यांग मित्रों ने अगरबत्ती लाकर, पैकिंग कर बेचना शुरू किया है। हर महीने 60-70 हजार कमा रहे हैं। ब्रांड का नाम महीसागर अगरबत्ती रखा है। जो गांव में स्थित महीसागर माता मंदिर के नाम से है। उद्यमिता की ट्रेनिंग के बाद उन्होंने यह कार्य शुरू किया।

अब तक 1200 दिव्यांगों ने शुरू किए उद्यम

ईडीआईआई के महानिदेशक डॉ.सुनील शुक्ला ने बताया कि संस्थान ने 2020 से लेकर अब तक 15 हजार दिव्यांगों को गुजरात सरकार गुजरात राज्य दिव्यांग वित्त एवं विकास निगम के सहयोग से दिव्यांगजन सशक्तिकरण केंद्र (सेडा) स्थापित करते हुए उद्यमिता के लिए प्रेरित किया। 4 हजार को ट्रेनिंग दी जिनमें 1200 ने अपने छोटे-बड़े उद्यम, व्यवसाय शुरू किए।

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