जिसमें पुलिस की ओर से अदालत को बताया कि आरोपी जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। इस मामले में घटना के समय कार में आरोपी कार चालक तथ्य पटेल के साथ उपस्थित उसके अन्य मित्रों की जांच व पूछताछ करनी बाकी है। आरोपी के मोबाइल फोन की भी जांच जरूरी है। आरोपी का मोबाइल नहीं मिला है। आरोपी घटना के समय कहां से आ रहा था, उस स्थल की भी जांच करनी है। इसके लिए आरोपी की कस्टडी जरूरी है। आरोपी के पिता प्रज्ञेश पटेल को सबसे पहले इस मामले में पुलिस को सूचना देनी थी। वे आरोपी को घटनास्थल से ले गए। क्या पुलिस आरोपी के घायल होने पर उसे अस्पताल नहीं ले जाती? उसके पिता उसे क्यों अस्पताल ले गए? आरोपी के पिता ने घटनास्थल पर मौजूद लोगों को धमकाया था।उधर बचाव पक्ष के वकील निसार वैद्य ने दलील दी कि उनके मुवक्किल 19 वर्षीय कार चालक का मीडिया ट्रायल हो रहा है। घटनास्थल पर 50 से ज्यादा लोगों की भीड़ ने उसकी पिटाई की थी। जिसके चलते उसके पिता प्रज्ञेश पटेल उसे वहां से ले गए थे। इसकी सूचना भी पुलिस को दी थी। उसके बावजूद भी पुलिस ने उनके पिता को इस मामले में आरोपी बना दिया। बचाव पक्ष के वकील की दलील थी कि घटना से पहले एक एक्सीडेंट पहले से ब्रिज पर हुआ था, लेकिन पुलिस ने ब्रिज पर डायवर्जन नहीं दिया ना ही बैरिकेड लगाए थे। कार में मौजूद लोग पुलिस के समक्ष खुद हाजिर हो गए हैं। उन्होंने कहा कि कार कितनी स्पीड में थी यह कार में लगे जीपीएस के साथ उसके सॉफ्टवेयर से पता किया जा सकता है। उसकी कंपनी से इसकी जानकारी जुटाई जा सकती है। एफएसएल की रिपोर्ट, सीसीटीवी भी देखे जा सकते हैं। आरोपी ने नशीले पदार्थ का सेवन नहीं किया है। रिमांड के लिए पुलिस ने जो मुद्दे पेश किए हैं उसमें किसी में आरोपी की उपस्थिति की जरूरत नहीं है।