गिरोह ने कस्टम इंस्पेक्टर, पुलिस अधिकारी की फर्जी पहचान देकर पार्सल में फेक पासपोर्ट, एटीएम कार्ड और एमडी ड्रग्स मिलने की बात कहते हुए डरा धमकाकर डिजिटल अरेस्ट रखा और शिकायतकर्ता से 17 लाख रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर करा लिए थे। आरोपियों ने शिकायतकर्ता को विश्वास में लेने के लिए अरेस्ट व सीजर वारंट और कॉन्फिडेंशियल एग्रीमेंट लेटर भी भेजे थे। इससे पहले इस मामले में गोमतीपुर निवासी महेफूजआलम उर्फ इमरान शाह, नदीमखान पठान की गिरफ्तारी हो चुकी है।
ठगी की राशि का गेटकीपर की निभाता भूमिका
साइबर क्राइम ब्रांच के तहत पकड़ा गया आरोपी एनाटोली साइबर ठगी के मामले में एक तरह से गेटकीपर की भूमिका निभाता था। साइबर क्राइम ब्रांच के तहत पहले पकड़ा गया आरोपी नदीमखान साइबर ठगी के लिए उपयोग में लिए जाने के लिए तैयार बैंक अकाउंट के धारक और एजेंट को लेकर मुंबई और गोवा की होटलों में जाता था। इन अकाउंट में बड़ी राशि जमा होती थी। वहां पर वह उसके चाइनीज बॉस के कहने पर आरोपी एनाटोली के साथ उनकी मुलाकात कराता था। एनाटोली उन बैंक अकाउंट धारकों के साथ तब तक रहता और नजर रखता था, जब तक कि ठगी की राशि उनके बैंक अकाउंट में जमा होने के बाद वापस किसी अन्य बैंक अकाउंट में ट्रांसफर नहीं हो जाती थी या फिर उसे क्रिप्टो करेंसी में कन्वर्ट नहीं कर लिया जाता था। ऐसे में वह एक तरह से पैसों के गेट कीपर के रूप में काम करता था।
ठगी की राशि में से 10-15 फीसदी लेता कमीशन
साइबर क्राइम के तहत जांच में सामने आया कि आरोपी एनाटोली गेटकीपर की भूमिका निभाने के लिए साइबर ठगी की राशि में से 10-15 फीसदी का कमीशन लेता था। 2015 से आरोपी यही काम कर रहा है। वह टेलीग्राम एप के जरिए चाइनीज व्यक्ति के संपर्क में रहता था। यह बीते साल 2024 में तीन बार सहित कई बार भारत आ चुका है। इस पर महाराष्ट्र के पूणे के साइबर क्राइम थाने में भी एक मामला दर्ज है, जिसमें इसकी गिरफ्तारी की गई थी।