मोडासा की बैंकों से खरीदे थे 12518 स्टैंप पेपर
अहमदाबाद ग्रामीण अदालत के मुख्य सरकारी वकील प्रवीण त्रिवेदी ने संवाददाताओं को बताया कि रिमांड के कई कारण अदालत के समक्ष रखे गए। इसमें बताया कि आरोपी झाला लोगों का विश्वास जीतने के लिए निवेश की गई राशि का स्टैंप पेपर पर करार करता था। इसके लिए उसने मोडासा नागरिक बैंक और मोडासा की सर्वोदय नागरिक बैंक से 12518 स्टैंप खरीदे थे। इसकी वेबसाइट पर मिली एंट्री में 1132 स्टैंप की एंट्री मिली है। अन्य 1286 निवेशकों के स्टैंप की कोई एंट्री नहीं मिली है। उन निवेशकों ने कितने पैसे निवेश किए थे, यह राशि कहां गई और कहां निवेश की गई। इन निवेशकों का उनका नाम प्राप्त करने के लिए आरोपी की हिरासत की जरूरत है। जांच में सामने आया कि आरोपी झाला 100 और 300 रुपए के स्टैंप पेपर पर खुद की फ्रेंकिंग करवाने के बाद हस्ताक्षर करता था।जांच में पता चला कि आरोपी झाला ने अधिकतम 6 करोड़ रुपए तक का निवेश लिया है। 230 निवेशकों के 4 करोड़ से 25 लाख रुपए का निवेश होने की बात सामने आई है। इन निवेशकों की निवेश की गई राशि के ट्रांजेेक्शन नहीं मिले हैं।
हिम्मतनगर से फोन खरीदकर 40 एजेंटों को दिए
त्रिवेदी ने बताया कि आरोपी झाला ने हिम्मतनगर की एक दुकान से 40 स्मार्ट फोन खरीदे थे। यह 40 फोन उसने अपने एजेंटों को दिए थे। यह फोन किन्हें दिए गए। इन फोन की रिकवरी करनी है, उसमें डाटा की जांच करनी है। इसके लिए आरोपी की हिरासत जरूरी है।
422 करोड़ निवेश का चला पता, 172 करोड़ चुकाने बाकी
सरकारी वकील त्रिवेदी ने बताया कि जांच में सामने आया कि झाला की वेबसाइट पर की गई एंट्री के मिले रेकॉर्ड के तहत निवेशकों के पास से इसने 422 करोड़ 96 लाख रुपए का निवेश लिया है। उसमें से कईयों को रुपए लौटाए भी हैं। हालांकि फिर भी 172 करोड़ रुपए चुकाने बाकी हैं। इस संबंध में जांच बाकी है।