इसका नाम किरीट अमीन है। यह इलाके में पीएसआई बनकर घूम रहा था। इसके मणिनगर रेलवे स्टेशन से कांकरिया जाने की सूचना के आधार पर पुलिस ने इसे धर दबोचा। यह मूलरूप से अरवल्ली जिले की मालपुर तहसील के लेहोदर गांव का रहने वाला है। जांच करने पर इसके पास से इलेक्शन आईडी, गुजरात पुलिस में पीएसआई और राजस्व विभाग में डिप्टी तहसीलदार का पहचान-पत्र मिला। दो पद के पहचान पत्र मिलने पर शंका हुई और पूछताछ व जांच में सामने आया कि आरोपी फर्जी पीएसआई और डिप्टी तहसीलदार बनकर रौब जमाता था।आरोपी ने कबूला कि वह पीएसआई बनकर होटलों में मुफ्त में ठहरता था। टोल टैक्स न चुकाने के लिए डिप्टी तहसीलदार के पहचान पत्र का उपयोग करता था।
ठगी के मामलों में है लिप्त
पुलिस ने हिस्ट्रीशीटरों के सॉफ्टवेयर में नाम डाला तो पता चला कि इस पर कई मामले दर्ज हैं। इस पर वलसाड जिले के धरमपुर थाने में सस्ते में सोना देकर 12 लाख ठगने का मामला दर्ज है। अहमदाबाद जिले के केराला जीआईडीसी में 39 लाख की ठगी का मामला दर्ज है। मोडासा में तीन हजार पीएमजेएवाई कार्ड बनाकर ठगने का मामला दर्ज है। इसे अहमदाबाद एसओजी की ओर से पहले पकड़ा जा चुका है। यह 2012 में पुलिस में भर्ती हुआ था। प्रेमिका के कहने पर पुलिस की नौकरी छो़ड़ दी थी। दो महीने से होटलों में बिल दिए बिना ठहरता था।