मिली जानकारी के मुताबिक, मृतक पुजारी की पहचान अहमदनगर जिले के भोसले आखाडा निवासी कैलाश गणपत चव्हाण के तौर पर हुई है। पुलिस ने बताया कि वैजापूर शहर के निकट नारंगी मध्यम परियोजना क्षेत्र में गवलीबाबा मंदिर है। पुरोहित कैलास चव्हाण इसी मंदिर के पास एक झोपड़ी में रहते थे।
क्षेत्र के निवासियों का कहना है कि पुरोहित कैलास पिछले डेढ़ साल से इस मंदिर में पुजारी थे। शुक्रवार को दोपहर करीब एक बजे क्षेत्र के एक किसान ने मंदिर के पीछे पुजारी का शव देखा। किसान ने तुरंत घटना की सूचना वैजापूर पुलिस को दी।
घटना की जानकारी मिलते ही वैजापूर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पंचनामा किया। पुलिस को पुरोहित का शव मंदिर के बगल में झाड़ियों में मिला। जांच के दौरान पुलिस को कुछ ही दूरी पर खून के धब्बे, एक साइकिल और एक डंडा मिला। इसके अलावा पुलिस को उसी स्थान पर एक थैले में ‘वशीकरण’ नामक पुस्तक भी मिली है।
इसके अलावा पुलिस को मौके से चिलम, गांजा पत्ती भी मिली। इसलिए पुलिस को शक है कि गुरुवार की रात पुरोहित के साथ कोई और भी मौजूद था। जिसने पुजारी की हत्या की। कुछ स्थानीय लोगों ने पुलिस को बताया है कि गुरुवार की रात मंदिर क्षेत्र में जोर जोर से आवाजे आ रही थी। इसलिए पुलिस उस संबंध में जांच कर रही है। पुलिस ने पंचनामा कर आगे की जांच शुरू कर दी है।
पुरोहित कैलाश चव्हाण का शव मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई है। घटनास्थल पर कुछ संदिग्ध वस्तुएं मिली हैं। साथ ही पुजारी के हाथ और सिर पर जख्म के निशान मिले है, घटनास्थल पर खून के धब्बे भी मिले हैं। इसलिए साफ है कि पुरोहित की हत्या की गई है और इस संबंध में पुलिस जांच कर रही है।