एफआईआर के तहत यह घटना 3 जनवरी से 8 जनवरी के दौरान हुई। दो जनवरी की दोपहर 12 बजे के करीब उन्हें एक फोन आया। सामने वाले व्यक्ति ने खुद की पहचान टेलीकॉम डिपार्टमेंट कर्मचारी के रूप में बताई और कहा कि यह मोबाइल नंबर तुम्हारे नाम पर रजिस्टर है। इस नंबर पर 6.8 करोड़ रुपए का ट्रांजेक्शन हुआ है। इस संबंध में मुंबई में मनी लॉन्डरिंग का केस दर्ज हुआ है। आपका फोन इंस्पेक्टर राहुल कुमार यादव तथा दीप सागर फ्रोम इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट के साथ कनेक्ट करके देता हूं। ऐसा कहने के कुछ समय बाद ही एक अज्ञात वॉट्सएप नंबर से वीडियो कॉल आया।
वीडियो कॉल में खुद को पीआई बता डराया-धमकाया
वीडियो कॉल करने वाले व्यक्ति ने बुजुर्ग महिला को खुद की पीआई के रूप में पहचान बताते हुए महिला से नाम, पता व अन्य पूरी जानकारी ली। महाराष्ट्र पुलिस के लोगो वाले अलग अलग लेटर भी दिखाए। फिर जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल का फोटो दिखाकर कहा कि इसके विरुद्ध मनी लॉन्डरिंग का केस दर्ज है। उस मामले की जांच के दौरान अलग-अलग सिमकार्ड मिले हैं, जिसमें तुम्हारा भी सिमकार्ड मिला है। यह मामला काफी गंभीर है। कई लोगों को पकड़ना बाकी है। जब तक जांच चले तब तक किसी को इसकी कोई जानकारी नहीं देनी है। तुम किसी यदि इसकी जानकारी किसी को दोगी तो तुम्हें आजीवन कैद तक की सजा हो सकती है।
वॉट्सएप स्क्रीन शेयर कर जानी बैंक डिटेल
आरोपियों ने डरा धमकाकर महिला से वीडियो कॉल के दौरान मोबाइल की स्क्रीन शेयर कराई। उनसे बैंक अकाउंटों की जानकारी, आधार कार्ड, पैनकार्ड की जानकारी ले ली। फिर बैंक अकाउंट की एप खुलवाई। उसकी पूरी डिटेल ले ली फिर बायन्नास नाम की एक एप डाउनलोड कराई। महिला के बैंक अकाउंट की राशि को आरबीआई में वैरिफिकेशन के लिए ट्रांसफर करने के नाम पर 8.78 लाख रुपए ट्रांसफर कर लिए। यह राशि वैरिफिकेशन बाद वापस मिल जाएगी ऐसा भरोसा देकर उनके साथ विश्वासघात व ठगी की है।