अहमदाबाद. पहली से लेकर 10वीं तक के विद्यार्थियों के बस्ते के बोझ को घटाने के मानव संसाधन मंत्रालय एवं गुजरात सरकार के निर्देश के बाद अब चार्टर्ड एकाउंटेंट (सीए) कोर्स के विद्यार्थियों के बस्ते के बोझ को भी हल्का होने जा रहा है। द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) सीपीटी से लेकर सीए फाइनल की किताबों से जागरुकता वाले पाठ (अध्याय) की अहमियत को कम करने जा रहा है। जिससे किताबों का वजन ३० फीसदी तक हल्का हो सकता है। इसके अलावा मोटी किताबों की जगह विद्यार्थियों को टेबलेट के रूप में अध्ययन सामग्री (स्टडी मटीरियल) प्रदान करने जा रही है। आईसीएआई के बोर्ड ऑफ स्टडी में यह निर्णय हो गया है। अध्ययन सामग्री का बोझ ३० फीसदी तक कम हो आईसीएआई के बोर्ड ऑफ स्टडी के अध्यक्ष धीनल शाह ने बताया कि सीपीटी से लेकर सीए फाइनल तक की किताबों में कई टॉपिक,चेप्टर व पाठ सिर्फ जागरूकता के लिए होते हैं। इन्हें प्रश्न-पत्र में नहीं पूछा जाता है। जिससे इनका वेटेड शून्य करने जा रहे हैं, ताकि उन्हें परीक्षा के लिहाज से ना पढ़ें। किताबों की अध्ययन सामग्री का बोझ ३० फीसदी तक कम हो इस दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। किताब की जगह टेबलेट शाह ने बताया कि स्टडी मटीरियल के रूप में टेबलेट देने की योजना है। उसी में ई-कंटेंट के रूप में स्टडी मटीरियल होगा। टेबलेट संस्थान की वेबसाइट से जुड़ा होगा, जिससे अपडेट भी तत्काल मिलेंगे। वे चाहें तो कहीं भी सिर्फ टेबलेट ले जाकर पढ़ सकेंगे। उन्हें भारी भरकम किताबें नहीं उठानी होंगीं। किताबें लेने का भी विकल्प होगा। इसके अलावा, सीए विद्यार्थियों को किताबी ज्ञान के साथ प्रेक्टिकल ज्ञान भी हो इसके लिए आर्टिकलशिप के दौरान एसेसमेंट टेस्ट लागू किया है। ७५ अंक के वस्तुनिष्ठ प्रश्न पर आधारित इस टेस्ट के अंक उनकी सीए फाइनल की अंकतालिका मेंभी दर्शाए जाएंगे।इससे पताचल सके कि सीए को किताबी और प्रेक्टिकल ज्ञान कितना है। ई-पाठशाला की फीस अब चार हजार से ४७ सौ धीनल शाह ने बताया कि आईसीएआई ने अगस्त-२०१८ से शुरू की सीए इंटरमीडिएट एवं फाइनल के लाइव ट्यूशन की ई-पाठशाला की फीस घटा दी है। इंटरमीडिएट के दो ग्रुप की फीस अब तक १५ हजार थी, जो अब घटकर चार हजार की जा रही है। फाइनल के दो ग्रुप की फीस २० हजार से घटाकर ४७५० रुपए की जा रही है। अभी देश में सिर्फ ५०० विद्यार्थी ही जुड़े हंै। विद्यार्थियों को ई-पाठशाला में सस्ते में देश के श्रेष्ठ प्राध्यापकों के लेक्चर व उनसे संवाद का मौका दिया जाएगा। फरवरी-२०१९ से तकनीक अपडेट की जाएगी, जिससे वे लैपटॉप, मोबाइल पर भी घर बैठे ई-पाठशाला से पढ़ाई कर सकेंगे। सवाल भी पूछ सकेंगे।