विद्यापीठ के मूल्यों, सिद्धांतों को चढ़ाई बली
चार पृष्ठ के सामूहिक इस्तीफा पत्र में न्यासियों ने कहा कि वे मानते हैं कि कुलपति का चयन जल्दबाजी में, राजनीतिक दबाव, भय और धमकी के चलते, उचित प्रक्रिया एवं संवाद को दरकिनार करके किया गया है। पद के लिए अन्य योग्य व्यक्तियों के नाम पर विचार किए बिना चयन किया है। हमारा मानना है कि यह निर्णय संस्था की आत्मा को दरकिनार करके मात्र इसके शरीर को बचाने के लिए किया गया है। इस प्रक्रिया में तात्कालिक लाभ के लिए मूल्यों और सिद्धांतों की बली चढ़ा दी गई है।
गुजरात विद्यापीठ के कार्यकारी कुलसचिव डॉ. निखिल भट्ट की ओर से जारी बयान में बताया कि 9 ट्रस्टियों ने सामूहिक रूप से बयान जारी कर 8 ट्रस्टियों के इस्तीफे भेजे हैं। सोमवार को विद्यापीठ मंडल की बैठक हुई। उसमें निर्णय किया गया कि इन इस्तीफों को स्वीकार नहीं किया जाएगा। इन ट्रस्टियों से बातचीत की जाएगी। इसके लिए अलग अलग न्यासियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।