गुजरात मैरिटाइम बोर्ड (जीएमबी) की ओर से जारी बयान के मुताबिक नर्मदा बांध में चार से छह लाख क्यूसेक पानी छोड़ऩे के कारण दहेज रो-रो टर्मिनल के नेविगेशन चैनल में ज्यादा व भारी मात्रा में गाद के जमा हो गया है। इस कारण इस टर्मिनल पर जल स्तर में कमी होकर सिर्फ एक मीटर रह गई है। यह फेरी परिचालन के लिए सही नहीं है। फेरी सर्विस के सुचारू रूप से चलने के लिए तीन से पांच मीटर ड्राफ्ट की जरूरत होती है। गाद जमा होने के कारम दहेज पोर्ट एरिया व दहेज एप्रोच चैनल में पानी की पर्याप्त गहराई नही मिल रहा है। जीएमबी की ओर से जमा गात अक्टूबर के पहले सप्ताह से रखरखाव निकर्षण अभियान की शुरुआत होगी।
जीएमबी की ओर से कहा गया कि सेवा आरंभ करने के लिए दहेज पर वैकल्पिक नेविगेशन चैलन की संभावना की तलाश की जा रही है। राज्य सरकार की नोडल एजेंसी ने इस मुद्दे पर तकनीकी सलाह के लिए आईआईटी चेन्नई के समुद्री इंजीनियङ्क्षरग विभाग से संपर्क किया है। इस सेवा के तहत अगस्त 2019 तक 3.31 लाख पैसेन्जरों तथा 70 हजार वाहनों का उपयोग किया गया है।
फेरी सर्विस का संचालन करने वाली कंपनी इंडिगो सीवेज प्राइवेट लिमिटेड ने फेरी सर्विस बंद करने का निर्णय किया है। इस फेरी सर्विस का शिलान्यास 25 जनवरी 2012 को किया गया था और अनेक अवरोध के बाद मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने इसका उद्घाटन गत वर्ष अक्टूबर महीने में किया गया था। हालांकि पिछले एक वर्ष मे ंकरीब तीन बार इस सेवा को स्थगित कर दिया गया था।