राज्य के स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि इस उपलब्धि में घर-घर जाकर बुखार के मरीजों का सर्वे, एन्टीलार्वा सर्वे किया गया। राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार वर्ष 2024 के अप्रेल, मई और सितंबर माह में किए गए सर्वे में राज्य भर में क्रमश: 86 फीसदी, 89 और 92 फीसदी आबादी को शामिल किया गया था।
राज्य के 1139 विशेषज्ञों को क्लीनिकल मैनेजमेंट ऑफ डेंगू के संबंध में प्रशिक्षण भी दिया। मानसून के दौरान 2460 कर्मियों की 492 वेक्टर नियंत्रण टीमों ने प्रभावित क्षेत्रों में रोग का सर्वे अभियान छेड़ा। राज्य सरकार ने इस वर्ष सक्रिय दृष्टिकोण अपनाते हुए बड़ी संख्या में सीरम नमूने भी लेने शुरू किए थे। साथ ही मच्छरजनित रोगों के प्रति जनजागरूकता पर जोर दिया।
डेंगू की जांच को लिए सवा दो लाख नमूने
वर्ष 2023 में डेंगू की जांच के लिए राज्य में करीब डेढ़ लाख (1,49,844) सीरम नमूनों की जांच की गई, जिसमें से डेंगू के 7,088 पॉजिटिव मामले पाए गए। अर्थात सीरो पॉजिटिविटी रेट 4.7 फीसदी रही। 2024 के दौरान डेंगू की जांच के लिए 2,21,358 नमूने लिए गए। इनमें 7,820 डेंगू के मामले पॉजिटिव पाए गए, यह 3.5 प्रतिशत पॉजिटिविटी रेट है। वर्ष 2024 में राज्य सरकार की ओर से डेंगू की विशेष जांच के लिए 1,700 किट यानी 1,63,200 परीक्षण किट खरीदी गईं थीं। इन सभी को विविध केंद्रों तक पहुंचाया गया। साथ ही केंद्र सरकार की ओर से भी 611 डेंगू आईजीएम किट मिली थीं।
सभी जिलों, मनपा क्षेत्रों में अभियान
राज्य के सभी जिलों और मनपा क्षेत्रों में साप्ताहिक मच्छरों की ब्रीडिंग नष्ट करने का अभियान चलाया गया। इन सभी कदमों से 2023 के मुकाबले 2024 में डेंगू के मरीजों में उल्लेखनीय कमी आई है।