भानुशाली हत्याकांड में जयंती ठक्कर गिरफ्तार
सुपारी के लिए दिए पांच लाख, मनीषा, शूटरों से था संपर्क में
भानुशाली हत्याकांड में जयंती ठक्कर गिरफ्तार
अहमदाबाद. कच्छ जिले के अबडासा से पूर्व विधायक व भाजपा नेता जयंती भानुशाली की आठ जनवरी को भुज से अहमदाबाद आते समय सयाजीनगरी एक्सप्रेस में गोली मारकर की गई हत्या के मामले में रेलवे एसआईटी ने जयंती ठक्कर उर्फ जयंती डुमरा को गिरफ्तार किया है। जयंती ठक्कर अबडासा तहसील के विंजाण गांव का रहने वाला है। खेती और अनाज के व्यवसाय से जुड़ा है साथ ही राजनीति में भी सक्रिय है।
भानुशाली हत्याकांड के मुख्य आरोपी अबडासा से ही पूर्व विधायक रहे भाजपा नेता छबील पटेल की पूछताछ में जयंती ठक्कर की लिप्तता का भी खुलासा हुआ। जिसमें छबील ने कबूला कि षडयंत्र में उसके साथ जयंती ठक्कर भी शामिल था। जयंती डुमरा ने सुपारी देने के लिए से पांच लाख रुपए भी दिए थे। इसमें उसने जो भी हिस्सा होगा, वह देने की तैयाशी दर्शाई थी।
सीआईडी क्राइम के पुलिस महानिदेशक आशीष भाटिया के अनुसार छबील की ओर से कबूल किया गया कि उसका और जयंती का उद्देश्य भानुशाली को राजनीति से हटाने का था। इसके लिए दोनों ने भानुशाली की एक समय की करीबी मनीषा गोस्वामी, सुरजीत भाऊ और उसके गिरोह का संपर्क करके भानुशाली की सुपारी दे दी। षड्यंत्र के तहत ही पहले इन लोगों ने भानुशाली विरुद्ध सूरत में दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया, लेकिन भानुशाली ने समाज के अग्रणियों की मदद से समाधान कर लिया। जिसके बाद छबील पर दिल्ली में दुष्कर्म का मामला दर्ज हो गया। इसके अलावा जयंती ठक्कर की ओर सेकिए गए केडीसीसी बैंक में गड़बड़ी के मामले में जांच पर स्टे हटाने की कोशिश की। जिससे छबील पटेल और जयंती ठक्कर ने मिलकर भानुशाली की हत्या का षडयंत्र रचा। इसके लिए ठक्कर के संपर्क में रहने वाले सुरजीत भाऊ उर्फ सुरजीत परदेशी की मदद से हत्या को अंजाम दिलाया। हत्या से पहले और हत्या के बाद षडयंत्र में शामिल मनीषा गोस्वामी, विशाल कांबले, निलिख थोराट और सुरजीत भाऊ के साथ संपर्क में रहा। इसके सबूत मिलने पर सीआईडी क्राइम एवं रेलवे की एसआईटी ने गुरुवार को जयंती ठक्कर को गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में अब तक सात आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। यह आठवीं है।
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