पत्रिका न्यूज नेटवर्कआगरा। पुलवामा हमले में शहीद होने वाले फौजी की पत्नी प्रतिमा का अनावरण न होने पर परिवार सहितम धरने पर बैठ गई। उनकी मांग थी कि शहीद की प्रतिमा का अनावरण होना चाहिए। जब तक पति की प्रतिमा का अनावरण नहीं होगा तब तक वह धरने पर बैठी रहेंगी। शहीद की पत्नी के धरने पर बैठने की सूचना पर अधिकारियों ने मौके पर जाकर बातचीत की।
यह भी पढ़ें— डिप्टी सीएम ने ताजनगरी में किया ऑक्सीजन प्लांट का शुभारंभ, कोरोना में नहीं होगी गैस की मारामारी यह था पूरा मामला14 फरवरी 2019 को हुए पुलवामा हमले में ताजगंज के कहरई गांव निवासी कौशल किशोर रावत शहीद हो गए थे। सरकार द्वारा शहीद की शहादत को नमन करते हुए शहीद स्मारक के लिए जमीन, अस्कूल का नाम शहीद के नाम पर और गांव में शहीद के नाम से द्वार बनाने की घोषणा की थी। वहीं पुलिस और शिक्षकों ने अपना एक दिन का वेतन शहीद को देने को कहा था।शहीद की पत्नी ने बीती 24 जून को वीडियो वायरल कर सरकार पर आरोप लगाए थे और जल्द मांग पूरी न होने पर आत्महत्या करने की बात कही थी। शहीद की पत्नी ने मांग की है कि उनके पति की शहादत का मजाक बनाया गया है। शिक्षकों के एक दिन का वेतन करीब 65 लाख रुपए मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा है। ढाई साल बीत जाने के बाद भी उन्हें वह पैसा नहीं मिल सका है। वह पैसा या तो शिक्षकों को वापस किया जाए या फिर उन्हें दिया जाए। पति की प्रतिमा का अनावरण किया जाए। स्कूल का नाम पति के नाम पर रखा जाए। गांव में द्वार बनवाया जाए।सरकार द्वारा की गई घोषणा के मुताबिक उन्हें जमीन दी जाए।
यह भी पढ़ें— ग्रामीण की बेरहमी से हत्या, आंखें निकालकर शव फेंका लगातार कर रहे हैं भागदौड़शहीद कौशल कुमार की पत्नी ममता रावत का कहना है कि पति की शहादत के बाद तमाम वायदे हुए और फिर आचार संहिता लग गयी और तबसे हम प्रयास कर रहे हैं। एडीएम सिटी ने फोन पर पूछा था कि कब अनावरण करवाएंगी पर फिर कोई जवाब नहीं आया। आज डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा आगरा में हैं। उनके पास तमाम काम हैं पर शहीद के घर आने का समय उनके पास नहीं है। शिक्षकों का एक दिन का वेतन उन्हें न देना शहीद की शहादत का मजाक है, क्योंकि शिक्षकों के हिसाब से तो उन्होंने परिवार की मदद कर दी है पर मदद नहीं मिली है।
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