बिना परमिशन लिए की विदेश यात्राएं
दरअसल, आगरा में तैनात राम अकबाल सिंह ने शासन से बिना परमिशन लिए विदेश यात्राएं कीं। इस मामले में अगस्त 2024 में उन्हें हटाया गया था। इसके बाद राम अकबाल सिंह इस कार्रवाई के विरुद्ध हाईकोर्ट चले गए, जहां से उन्हें स्टे मिल गया। मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी ने भी शासन को शिकायत भेजी थी। जांच में सहयोग न करने पर हुई कार्रवाई
अब राम अकबाल सिंह पर जांच में सहयोग नहीं करने और पासपोर्ट जमा नहीं करने को लेकर कार्रवाई की गई है। विदेश यात्रा में पासपोर्ट महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है जिसके खो जाने पर रिपोर्ट दर्ज कराई जाती है। लेकिन, डीआईजी ने जांच अधिकारी को पासपोर्ट उपलब्ध नहीं कराया और न ही खोने की कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं।
निलंबन अवधि में मिलेगा जीवन निर्वाहन भत्ता
31 दिसंबर को राम अकबाल सिंह सेवानिवृत्त होने वाले थे। निलंबन के बाद भी डीआईजी स्टांप पर बैक डेट में स्टांप कमी के मामलों का निस्तारण करने के आरोप हैं। शासन ने डीआईजी स्टांप को सरकारी सेवक आचरण नियमावली के उल्लंघन का दोषी माना। पदीय दायित्वों का सम्यक निर्वाहन नहीं करने पर उनके विरुद्ध आरोप पत्र प्रस्तुत हुआ। विभागीय जांच की संस्तुति करते हुए प्रमुख सचिव लीना जोहरी ने डीआईजी स्टांप को निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में उन्हें जीवन निर्वाहन भत्ता मिलेगा।