मुकदमा हुआ था दर्ज राजेश मौर्य की कम्पनी में निवेश करने वाले निवेशक अनिल साहू ने बरादरी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। ठगी के मामले में बरादरी थाना क्षेत्र की चंद्रगुप्त कॉलोनी में रहने वाले राजेश मौर्य, उसके भाई मनोज मौर्य और दिनेश मौर्य, एजेंट अजय मौर्य, विश्वनाथ मौर्य, कृष्णनाथ मौर्य, शिवनाथ मौर्य और संदीप सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी।पुलिस इस मामले में राजेश के पिता रामदेव मौर्य, चचेरे भाई रामकिशोर, भाभी संजोली और शिवनाथ मौर्य को जेल भेज चुकी है।
ऐसे पकड़ा गया राजेश पुलिस राजेश की सरगर्मी से तलाश कर रही थी लेकिन शातिर दिमाग राजेश पुलिस के हत्थे नही चढ़ रहा था। इधर 200 करोड़ लेकर भागा राजेश के खिलाफ निवेशक भी आए दिन प्रदर्शन कर रहे थे।पुलिस ने राजेश को पकड़ने के लिए उसके मोबाइल को सर्विलांस पर लगा रखा था, लेकिन उसने अपना मोबाइल बन्द कर रखा था। उसने जैसे ही गाजियाबाद में अपना मोबाइल चेक किया तो पुलिस को उसकी लोकेशन पता चल गई और गिरफ्तार कर बरेली लाया गया। अफसर उससे पूछताछ कर रहें है और दस्तावेज जुटाए जा रहे है। हालांकि कुछ लोगों का कहना है कि परिजनों के पकड़े जाने के बाद राजेश एक पुलिस अधिकारी की मदद से साहिबाबाद थाने पहुँचा, जहां उसे पकड़ लिया गया।
गुमराह कर रहे एजेंट भी होंगे गिरफ्तार इस मामले में राजेश मौर्य के पकड़े जाने के बाद उसके एजेंटों में खलबली मची हुई है।पुलिस मामले की तह तक जाने में लगी है। अभी तक हुई पूछताछ में सामने आया है कि राजेश के साथ ही उसके एजेंटों ने भी निवेशकों के करोड़ो रूपये हड़प लिए और अब खुद को बचाने के लिए एजेंट्स भी निवेशक बन कर पुलिस के सामने पेश हो रहे है। करीब 200 करोड़ की इस ठगी में छह एफआईआर दर्ज कराई गई हैं। 50 से ज्यादा लोगों ने खुद को ठगी का शिकार बताया है। यह लोग लगातार पुलिस पर दबाव बना रहे थे कि राजेश की गिरफ्तारी हो जाए और उनका रुपया सुरक्षित हो जाए। राजेश के पकड़े जाने के बाद राजेश ने जो कहानी पुलिस को सुनाई है उससे इनकी परेशानी बढ़ सकती है। राजेश ने सभी लेनदेन के कागज बनाए हैं और ये दस्तावेज कुशीनगर स्थित उसके घर पर हैं। कागज लेने के लिए क्राइम ब्रांच की टीम कुशीनगर रवाना हो गई है।
तीन श्रेणी में होगी जांच इस कम्पनी में लोगों ने ब्याज, प्रॉपर्टी और क्रिप्टो करेंसी के जरिए निवेश किया है। तीनों ही तरह के पीड़ित पुलिस के पास आ रहे है। इसके लिए शिकायतों को तीन श्रेणी में बांट लिया गया है। अब जानकारी जुटाई जा रही है कि किस श्रेणी में किस निवेशक ने कितना निवेश किया है।