यह भी पढ़े –
UP के प्राइमरी स्कूलों का होगा कायाकल्प, छात्रों को पढ़ाई के लिए टैबलेट देने की तैयारी गैर मान्यता वाले मदरसे का सर्वे करने पहुंची टीम जानकारी के अनुसार, जिला अल्पसंख्यक कल्याण के अधिकारी प्रशांत कुमार के नेतृत्व में टीम शनिवार को सबसे पहले बोदला स्थित मोहम्मदी मस्जिद में संचालित गैर मान्यता मदरसे का सर्वे करने पहुंची। ये मदरसा 2013 में खुला था। उसके बाद से ही अब तक मदरसे का सर्वे नहीं कराया गया है। यहां तीन शिक्षक हैं, जो 25 बच्चों को तालीम देते हैं। दो शिक्षक दीनी तालीम और एक शिक्षक गणित, विज्ञान सहित आधुनिक विषय पढ़ाता है। इसके बाद टीम सिकंदरा पहुंची और पुलिस थाने के बराबर से नूरी मस्जिद में चल रहे गैर मान्यता मदरसे का सर्वे करने पहुंची। ये मदरसा 2008 से चल रहा है। जिसमें 18 बच्चे पढ़ते हैं। मदरसे को सिकंदरा एजुकेशन सोसाइटी संचालित करती है। जहां दो शिक्षक हैं।
यह भी पढ़े –
अब जेल में रहकर फर्राटेदार इंग्लिश में बात करेंगे कैदी, दी जाएगी ये सुविधा 10 अक्टूबर तक शासन को भेजी जानी है रिपोर्ट नूरी मस्जिद में चल रहे गैर मान्यता मदरसे का सर्वे करने के बाद शाम को टीम रुनकता स्थित दारुलउलूम असहाबे सुफ्फह मदरसा पहुंची। यह मदरसा 2007 से तीन कमरों में संचालित है। मदरसे के अंदर मस्जिद बनी है। यहां 25 बच्चे पढ़ते हैं, जिन्हें तीन शिक्षक पढ़ाते हैं। बता दें कि शहर में अब तक चार मदरसों का सर्वे हो चुका है। वहीं सर्वे की रिपोर्ट को 10 अक्टूबर तक शासन को भेजी जानी है।