चैम्बर अध्यक्ष राजीव तिवारी ने बताया कि आगरा का उद्योग 1996 में आए उच्चतम न्यायलय के आदेश का पालन करते हुए प्रदूषण रहित कार्य कर रहा है। लेकिन, उसके बाद भी आगरा के उद्योगों पर सदैव से गाज गिरती चली आई है। प्रदूषण के मुख्य कारणों में निर्माण कार्यों से उड़ने वाली धूल व धुआं हैं। चैम्बर अध्यक्ष ने कहा कि आगरा को निर्वाहक विद्युत आपूर्ति मिल और यमुना में बढ़ रहे प्रदूषण को रोकने के लिए बैराज निर्माण, डिस्लिटिंग होना आवश्यक है। लेकिन, सरकारों और अधिकारियों द्वारा इस ओर कतई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जनरेटर से निकलने वाले धुएं से एवं जलाए जा रहे कूड़े, टायर आदि के धूएं, यमुना में प्रदूषण के कारण उपज रहे कीड़े ताजमहल को नुकसान पहुंच रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदूषण को रोकने के लिए 33 प्रतिशत हरित क्षेत्र विकसित करने के मानक है। लेकिन अधिकारियों की अनदेखी के कारण आगरा में मात्र 8.4 प्रतिशत हरित क्षेत्र है।
प्राकृति गैस प्रकोष्ठ के चेयरमैन अरुण कुमार गुप्ता द्वारा वाहनों के आवागमन से होने वाले प्रदूषण पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा गया कि वाहनों के आवागमन के कारण आगरा का प्रदूषण स्तर काफी बढ़ा है। इससे निपटने के लिए चैम्बर द्वारा समय-समय पर रिंग रोड को निर्माण तथा ट्रैफिक प्रबन्धक जारी की मांग की गई। लेकिन, इस ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि ताजमहल को हो रहे नुकसान के लिए सरकार व अधिकारी पूरी तरह से जिम्मेदार हैं। आगरा में ग्रीन कन्स्ट्रक्शन का प्रयोग होना चाहिए। जिससे धूल और मिटटी का प्रदूषण ताजमहल को नुकसान ना पहुंचा सके। टीटीजैड क्षेत्र में कोई प्रदूषणकारी उद्योग नहीं लगाया जा सकता और न ही पूराने उद्योग का विस्तार किया जा सकता है, फिर भी भविष्य में टीटीजेड में पूराने लगे प्रदूषण रहित उद्योगों का विस्तार किए जाने की योजना आती है तो आगरा को उससे अछूता न रखा जाए। उद्योग के अभाव में आगरा का युवा यहां से पलायन कर रहा है, जिसे रोकने के लिए आगरा में प्रदूषण रहित आईटी सिटी का निर्माण हो जिससे युवाओं को रोजगार मिले और उनका पलायन रुक सके।
चैम्बर अध्यक्ष राजीव तिवारी ने कहा कि ताज हमारी धरोहर है और इसके संरक्षण की जिम्मेदारी हम सबकी है। इसलिए नेशनल चैम्बर जनपद के सभी जनप्रतिनिधियों तथा व्यापारी संगठनों को साथ लेकर ताज की संरक्षण की मुहिम को आगे बढ़ाएगा। नेशनल चैम्बर का प्रतिनिधिमंडल उच्चतम न्यायलय में पैरवी रखेगा, जिससे उद्योगों का भी दखल हो सके।
इस दौरान उपाध्यक्ष मुरारी लाल गोयल, उपाध्यक्ष विनय मित्तल, कोषाध्यक्ष सुनील सिंघल, होटल एण्ड रेस्टोंरेन्ट विकास प्रकोष्ठ के चेयरमैन राकेश चौहान, मीडिया समन्वयक एवं पूर्व अध्यक्ष मनीष अग्रवाल, पर्यावरण सुरक्षा एवं प्रदूषण नियन्त्रण प्रकोष्ठ के चेयरमैन अशोक कुमार गोयल, पूर्व अध्यक्ष नरेंद्र सिंह, मीडिया प्रभारी अनूप जिन्दल, हस्तशिल्प एवं हथकर्घा विकास प्रकोष्ठ के चेयरमैन अनूप गोयल आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।