उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र छौंकर ने बताया कि शिक्षामित्रों ने सुबह ही सरकार को दोपहर दो बजे तक का समय दिया था और साफ कर दिया था, कि सीएम बात करने के लिए तैयार नहीं हुए, तो सभी शिक्षामित्र जेल भरेंगे। इस ऐलान के बाद शिक्षामित्रों से वार्ता करने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ राजी हो गए। अभी लखनऊ में शिक्षामित्रों के साथ शिक्षामित्रों के प्रतिनिधिमंडल की वार्ता जारी है।
प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह छौंकर का कहना है कि शिक्षामित्र संगठन को सरकार से मानदेय नहीं बल्कि वेतन चाहिए। सरकार हमें बरगला रही है। सरकार ने संकल्प पत्र में वादा किया था कि तीन महीने में हम शिक्षामित्रों की समस्याओं का निदान करेंगे लेकिन अब सरकार मुकर रही है। हमें सरकार का 10000 रुपए प्रतिमाह देने का फैसला मंजूर नहीं है। लखनऊ में अब भी हम अपने हक के लिए आंदोलन कर रहे हैं और ये आंदोलन तब तक चलेगा जब तक सरकार हमारी मांगें मान नहीं लेती।
जिलाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह छौंकर ने बताया कि प्रदेश के सभी 1 लाख 32 हजार शिक्षामित्रों को सीएम आदित्यनाथ से राहत की उम्मीद है। यदि इन शिक्षामित्रों की नौकरी जाती है, तो ये शिक्षामित्र दर दर भटकेंगे। उन्होंने बताया कि शिक्षामित्रों ने अपने जीवन के बहुमूल्य 17 साल प्राथमिक शिक्षा को दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद शिक्षामित्रों की उम्मीद टूट गई, लेकिन सीएम आदित्यनाथ योगी से उम्मीद थी।