ये मामला ब्लॉक अकोला के गांव नगला जसोला का है। यहां की रहने वाली समायोजित शिक्षामित्र रीता प्राथमिक विद्यालय अटा ब्लॉक खेरागढ़ में तैनात थीं। आज अचानक उनकी मृत्यु हो गई। परिवारीजनों ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट से समायोजन रद्द होने के बाद रीता अवसाद में थी। हंसती खेलती रीता के चेहरे से मुस्कान तो गायब हो ही गई थी, इसके साथ ही वह किसी से बहुत बातें भी नहीं करती थी। वहीं उसके परिवार की आर्थिक स्थिति भी खराब होती जा रही थी।
वहीं जब समायोजित शिक्षामित्र रीता की आकस्मिक मृत्यु की खबर मिली, तो शिक्षामित्रों में शोक की लहर दौड़ गई। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के बैनर तले बड़ी संख्या में शिक्षामित्र रीता के गांव पहुंच गए। जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र छौंकर ने पीड़ित परिवार को सांत्वना देते हुए कहा कि सरकार निर्दयी हो गई है। शिक्षामित्र साथियों की आर्थिक स्थिति बिगड़ती जा रही है और यही कारण है कि अवसाद में आकर शिक्षामित्र साथियों की जानें जा रही हैं। सरकार को शिक्षामित्रों की समस्या से कोई सरोकार नहीं है।