मारपीट की घटना के बाद भाजपा विधायक के भतीजे पर SC-ST Act के तहत केस दर्ज
मारपीट की घटना के बाद पीड़ित ने भारतीय जनता पार्टी के फतेहपुर सीकरी से विधायक चौधरी उदयभान सिंह के भतीजे जयपाल के खिलाफ SC-ST Act के तहत रिपोर्ट दर्ज करा दी है।
आगरा। अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 (SC-ST Act) का विरोध यूं ही नहीं किया जा रहा है। आगरा में मारपीट की घटना के बाद पीड़ित ने भारतीय जनता पार्टी के फतेहपुर सीकरी से विधायक चौधरी उदयभान सिंह के भतीजे जयपाल के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट में रिपोर्ट दर्ज करा दी है। आरोप है कि इससे कुपित लोगों ने फिर मारपीट की। इससे तनाव पैदा हो गया है। पुलिस तैनात कर दी गई है।
यह भी पढ़ेंबीजेपी विधायक के खिलाफ विद्युत विभाग के कर्मचारियों ने खोला मोर्चा, देखें वीडियोये है घटनाक्रम थाना ताजगंज के अंतर्गत नगला टीन के रहने वाले अमित पुत्र मदनलाल अपनी एक्टिवा पर धांधूपुरा से निकल रहे थे। एक्टिवा का पहिया पानी से भरे गड्ढे में चला गया। इससे पानी की छींटें वहां खड़े जयपाल के कपड़ों पर चली गईं। इस पर जयपाल ने एक्टिवा में लात मारी और अमित की पिटाई कर दी। उसके सिर पर ईंट से प्रहार किया। आरोप है कि जयपाल ने जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया। पीड़ित अमित और उसके परिजनों ने थाना ताजगंज पहुंचकर तहरीर दी। पुलिस ने मारपीट और SC-ST Act के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया।
यह भी पढ़ेंजॉइंट मजिस्ट्रेट ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा सब रजिस्ट्रार, देखें वीडियोरात्रि में मारपीट का आरोप रात्रि में अमित अपने परिजनों के साथ थाना ताजगंज से मेटाडोर से लौट रहा था। जयपाल को खबर लग गई थी कि अमित ने उसके खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज करा दिया है। आरोप है कि जयपाल ने अपने साथियों के साथ नगला टीन के पास मेटाडोर को रोका और सबकी पिटाई लगाई। कुछ लोग भाग गए। यह भी आरोप है कि जयपाल ने मेटाडोर में तोड़फोड़ की।
क्या कहना है पुलिस का ताजगंज के थानाध्य़क्ष डॉ. विनोद कुमार पायल का कहना है कि रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। जयपाल की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। दूसरी ओर भजपा विधायक चौधरी उदयभान सिंह के प्रवक्ता पंडित मनीष थापक का कहना है कि विधायक अस्वस्थ हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मारपीट का घटना को एससी-एसटी एक्ट (SC-ST Act) के रूप में परिवर्तित कर दिया गया है। कुछ लोग एक्ट का दुरुपयोग कर रहे हैं। पुलिस को मामले की जांच कर रही है। जो तथ्य सामने आएंगे, तभी कुछ कहा जा सकता है।