ज्योतिषाचार्य का कहना है कि इससे पहले वर्ष 1993 में यानी 27 वर्ष पूर्व शनि मकर राशि पर यानी आगरा के कर्म में आए थे, उसके बाद अब आगमन हो रहा है। शनि जहां बैठते हैं, उस भाव में वृद्धि करते हैं और अपनी वक्र दृष्टि से 3, 7, 10 भाव को देखते हैं। आगरा की राशि मेष है, ऐसे में शनि के दशम भाव आने से वे इसके कर्म भाव में आ जाएंगे। इससे आगरावासियों को व्यापारिक दृष्टि से ढेरों लाभ होंगे।
ट्रेवल एजेंसियों, फर्नीचर की दुकानें, शोरूम, इमारती सामान के व्यापारी, कृषि उत्पाद, शिल्पकार, रोजगार एजेंसियों, जूता कारोबारी, फैक्ट्रियों, उद्योगों, प्रिंटिंग प्रेस, हार्डवेयर व्यापार, तेल रिफाइनरी, चिकित्सा उपकरणों के व्यापारी, इंजीनियरिंग कॉलेज व फर्में, इस्पात और लोहे के व्यापारी, होटल, विद्युत उपकरणों के व्यापारी, आईटी सेक्टर आदि के क्षेत्र में खूब मुनाफा होगा। कई सरकारी नवीन योजनाओं की शहर में शुरुआत होगी। सरकार से भी आगरा को कई लाभ मिलेेंगे। रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
शनि की तीसरी दृष्टि आगरा के व्यय भाव पर होगी। इससे धन बर्बाद कम होगा। विदेशी पर्यटकों से लाभ होगा लेकिन पर्यटन में कुछ कमी आ सकती है। शनि की सातवीं दृष्टि चतुर्थ भाव पर होने से कुछ जमीनों एवं अतिक्रमण हटाने को लेकर कुछ समस्याएं व विभागों में आपसी मतभेद होगें। शनि की दशम दृष्टि आगरा के सप्तम भाव पर पड़ेगी। इससे लोगों में आपसी सहयोग की कमी आएगी। आगरा में उच्च न्यायालय की खंडपीठ की मांग पूरी होने में देरी होगी। स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से गुजरना पड़ेगा।