सांसद चाहर ने सदन में प्रश्न के माध्यम से बताया कि फतेहपुर सीकरी में मुगलकाल से जल संकट है। इस कारण अकबर को भी ये स्थान छोड़कर जाना पड़ा था। पीने से लेकर सिंचाई तक के लिए क्षेत्रीय लोग परेशान है। सिंचाई के लिए डिप इरिगेशन को लेकर सरकार की क्या योजना है। इसके लिए तेजी से काम होना चाहिए। केंद्रीय कृषि मंत्री ने उनकी प्रश्न को गंभीरता से लेते हुए जवाब दिया कि आलू प्रोसेसिंग यूनिट के लिए फूड प्रोसेसिंग में चर्चा की जाएगी।
बता दें कि आगरा में आलू की बड़ी पैदावार है। इसके लिए किसान नेताओं द्वारा लंबे समय से आलू प्रोसेसिंग यूनिट की मांग की जा रही है। चुनाव के दौरान नेताओं के भाषण में आलू प्रोसेसिंग यूनिट का सपना तो किसानों को दिखाया गया, लेकिन ये तोहफा मिल नहीं सका। इतना ही नहीं, सत्ता पक्ष के स्टार प्रचाकरकों ने भी आगरा के किसानों को ये सपना दिखाया। 2014 का चुनाव जीतने के बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह से भी किसानों को बड़ी उम्मीद थी, लेकिन निराशा हाथ लगी।
फतेहपुर सीकरी सांसद द्वारा संसद के प्रथम सत्र में ये मुद्दा उठाए जाने से आगरा के किसानों को फिर से उम्मीद जाग उठी है। यदि आलू प्रोसेसिंग यूनिट आगरा में स्थापित होती है, तो आगरा के किसानों को तो बड़ा फायदा होगा ही, साथ ही फिरोजाबाद, मैनपुरी, मथुरा, एटा, हाथरस, अलीगढ़ के किसान भी लाभाविंत हो सकेंगे।