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New Education Policy के तहत सरकार प्रत्येक बच्चे को दे 3000 रुपये प्रतिमाह ताकि ले सके अच्छी शिक्षा

– नई शिक्षा नीति (New Education Policy) के लिए कई राज्यों से आए स्कूल संचालको ने दिए अनेक सुझाव-अगर निजी शिक्षा पर अभिभावकों एवं राजनीतिज्ञों का नियंत्रण हुआ तो स्तर गिरेगा

आगराJun 29, 2019 / 01:21 pm

धीरेंद्र यादव

New education policy

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आगरा। नई शिक्षा नीति (New Education Policy) में शिक्षक के सम्मान एवं सुरक्षा की कहीं कोई बात की गई है। कक्षा 12 के बाद विद्यालयी शिक्षा का महत्व हो, जिससे कि छात्रों को व्यावसायिक शिक्षा में प्रवेश के समान अवसर मिलें। पुराने समय में शिक्षा एक स्वतंत्र संस्था थी। शिक्षा केंद्र के अपने नियम होते थे और सभी के लिए वे समान थे। पर आज शिक्षा के क्षेत्र में अंकुश लगाने का प्रयास किया जा रहा है। नई नीति में प्रबंध समिति में 12 सदस्यों का प्रावधान है। प्रधानाचार्या भी उसमें शामिल होगा और वह उस समिति के प्रति जबावदेह होगा। विद्यालय के प्रबंध तंत्र नई शिक्षा नीति में हर नागरिक को सुझाव देने का अधिकार हो, शिक्षकों को भी अपने सुझाव देने का अवसर मिले। सरकार शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए हर बच्चे को शिक्षा के लिए 3000 रुपए प्रतिमाह का प्रावधान करे, जिससे हर बच्चा श्रेष्ठ शिक्षा पा सके। देश के कायाकल्प के लिए सरकार DBT (direct benefit transfer) लागू करे, जिससे देश का नया रूप उभरेगा।
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देशभर से आए प्रतिनिधि
ये बातें आगरा में निजी स्कूलों के संचालकों एवं संगठनों की बैठक में कही गईं। यह बैठक होटल पी. एल. पैलेस, संजय प्लेस में की गई। केन्द्र सरकार द्वारा प्रस्तावित नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (New National Education Policy) शीघ्र ही देशभर में लागू कर दी जाएगी। इस शिक्षा नीति पर भारत सरकार ने 30 जून तक सुझाव एवं आपत्तियाँ माँगी हैं। निजी स्कूलों के सुझाव और आपत्तियों को भारत सरकार तक पहुँचाने का दायित्व निजी स्कूलों के राष्ट्रीय संगठन नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल एलायंस (NISA) द्वारा लिया गया है। इसी के तहत बैठक में दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के निजी विद्यालयों के एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने भाग लिया नीसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा इस बैठक में उपस्थित थे। बैठक के वक्ता सुनील अग्रवाल (प्रो. वाइस चेयरमैन, डी. पी. एस. आगरा, राजनगर, गाजियाबाद) नेहा शर्मा (मैम्बर ऑफ सी. ओ. ई. CBSE), दिलीप मोदी (रीजनल कन्वेनर, राजस्थान NISA), कुलभूषण शर्मा (राष्ट्रीय अध्यक्ष NISA), डॉ. सुशील गुप्ता (अध्यक्ष APSA, रीजनल कन्वेनर, उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड NISA), प्रेमचंद देसवाल (अध्यक्ष-दिल्ली स्कूल्स एसोसिएशन) कोषाध्यक्ष NISA) एवं अतुल श्रीवास्तव (अध्यक्ष- एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स, उत्तर प्रदेश), सुशील धनकर (प्रवक्ता- साउथ देहली पब्लिक स्कूल्स मैनेजमेंट एसोसिएशन), एस- आर- थॉमस एंटनी (एडवोकेसी मैनेजर, NISA), अशोक मलिक (स्टेट प्रेसीडेंट, उत्तर प्रदेश शिक्षा संघ) सहारनपुर, बसंत बल्लभ भट्ट (प्रेसीडेंट, इंडिपेंडेंट स्कूल एसोसिएशन) ऊधम सिंह नगर, उत्तराखण्ड) थे।
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पर्यावरण पर चिन्ता
कार्यक्रम का संचालन करते हुए श्रीमती रूपा प्रकाश ने सभी अतिथियों एवं वक्ताओं का अभिनंदन किया। दीपक की ज्योति प्रकाश का प्रतीक होती है। उसी ज्ञान के प्रकाश का प्रतीक दीप के प्रज्वलन के उपरांत कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। धरती पर निरंतर बढ़ते जा रहे पर्यावरण के असंतुलन के प्रति अपनी सजगता को अभिव्यक्त करते हुए सभी अतिथियों को नवांकुर भेंट किए गए। नई शिक्षा नीति 2019 पर संचालिका रूपा प्रकाश ने संक्षिप्त जानकारी दी। तत्पश्चात् सभी वक्ताओं ने अपने वक्तव्य के माध्यम से नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के संदर्भ में विस्तृत जानकारी देते हुए उस पर अपने सुझाव प्रस्तुत किए। उन्होंने नई नीति के प्रस्ताव के उपाय प्रस्तुत किए।
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अभिभावकों एवं राजनीतिज्ञों का नियंत्रण हुआ तो स्तर गिरेगा
नीसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री कुलभूषण शर्मा ने नई शिक्षा नीति (New Education Policy) पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए प्रभावी ढंग से सभी को उससे अवगत कराया। सुनील अग्रवाल ने कहा कि आज भी शिक्षा नीति में वह बदलाव नहीं आया, जो स्वतंत्रता के उपरांत आना चाहिए। शिक्षा नीति को बनाने वाली समिति में शिक्षा जगत से संबद्ध कोई भी प्रतिनिधि नहीं था। विद्यालय को नियंत्रण करने वाला प्रतिनिधि कौन होगा? क्या अभिभावक या राजनेता विद्यालय को चलाएँगे? निजी विद्यालयों को नियंत्रित करने का अधिकार अभिभावकों एवं राजनीतिज्ञों को होगा। अगर ऐसा हुआ तो निजी विद्यलयों का शैक्षणिक स्तर भी नीचे गिरेगा, जैसा कि वर्तमान में सरकारी का है।
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शिक्षा नीति में शिक्षा लाभ के लिए
नेहा शर्मा ने प्रकाश डालते हुए कहा कि अगर आज हम अपनी समस्याओं के प्रति जागृत नहीं हुए तो कल हमें कठिन समस्याओं का सामना करना होगा। हमें अपने सुझावों को सरकार तक पहुँचाने का मिलकर प्रयास करना चाहिए। दिलीप मोदी ने कहा कि आजादी के 70 वर्ष बाद भी शिक्षा नीति में यही कहा गया है कि शिक्षा लाभ के लिए नहीं है।
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कोचिंग क्लास को नियंत्रित किया जाए
दिलीप मोदी ने सरकार से कोचिंग क्लासेस को नियंत्रित करने के लिए सुझाव दिया। उन्होंने व्यावसायिक शिक्षा में प्रवेश के लिए कक्षा 12 के अंकों को कुछ प्रतिशत बल देने के लिए कहा। प्रेमचंद देसवाल ने नीसा को धन्यवाद दिया कि उसने सभी को एकजुट करने का प्रयास किया। अतुल श्रीवास्तव ने अपने वक्तव्य में कहा कि सरकार की नई नीति में जिस तरह की प्रबंध समिति बनाने का सुझाव है, उससे निजी विद्यालयों का संचालन बहुत कठिन हो जाएगा। सरकार RTE के तहत होने वाले प्रवेश पर नियमानुसार शुल्क की प्रतिपूर्ति समय से करे। थॉमस एंटनी ने कहा कि शिक्षा नीति में चयन की सुविधा होनी चाहिए। शिक्षा को राजनीति से अलग रखकर छात्र हित में होना चाहिए। अशोक मलिक ने अपने वक्तव्य में शिक्षा के स्तर पर प्रकाश ड़ालते हुए कहा कि सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों को इतना उच्च वेतन दिया जाता है और शिक्षा के प्रति उनका कोई उत्तरदायित्व नहीं है। इसके विपरीत निजी विद्यालयों द्वारा उच्च गुणवत्ता की शिक्षा देने पर भी उन की प्रबंध समिति के माध्यम से उन पर नियंत्रण का प्रयास नई शिक्षा नीति द्वारा किया गया है।
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सरकार तक पहुंचाएंगे सुझाव
विधायक हेमलता दिवाकर ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आप सभी शिक्षावदों का अभिनंदन है। आप सभी राष्ट्र के निर्माता हैं। हमारे ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा का स्तर अत्यंत निम्न है। प्रबंध समिति में अभिभावकों एवं शिक्षकों को शामिल करने से संगठन में मजबूती नहीं रहेगी। यहाँ आकर आपकी समस्याओं को उत्तर प्रदेश सरकार तथा केंद्र तक पहुँचाएँगे। लिखित रूप में आप अपनी माँगों को दें, जिससे उन्हें आगे पहुँचाया जा सके।
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अभिभावक को नियंत्रक नहीं बनाया जा सकता
विधायक राम प्रताप सिंह चौहान ने सभी कहा कि जनता में शिक्षा के प्रति जागरूकता जगानी होगी। आप सभी मोदी जी के प्रति निष्ठा रखें। किसी के भी हित की अनदेखी नहीं होगी। आपके सुझावों को हमारे स्तर से जैसा भी हो सकेगा, प्रयास करेंगे। आपके सम्मान एवं सुरक्षा के लिए हम आपका पक्ष अवश्य रखेंगे। अभी नीति का प्रस्ताव आया है, उस पर सुझाव माँगे गए हैं। आपकी सुरक्षा भी सरकार का दायित्व है। अभिभावक की राय लेना उचित है पर उनको नियंत्रक नहीं बनाया जा सकता। सरकार के लिए सभी समान हैं। आपके विद्यालय संचालन में कोई असुविधा नहीं होगा। हम सभी आपके साथ हैं। नीसा के रीजनल कन्वीनर, अप्सा के अध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता ने अपने धन्यवाद ज्ञापन में सभी का अभिनंदन किया। नीसा के द्वारा किए गए इस प्रयास के लिए उन्होंने आभार व्यक्त किया। बसंत भट्ट ने गुरुजनों का धन्यवाद व अभिनंदन किया। उन्होंने सभी से अनुरोध किया कि आज जो भी मंथन हुआ है, उस पर सजगता रखें। हम सभी को अपनी सीमाओं से आगे बढ़कार एकजुट होना होगा।

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