यह भी पढ़ेंताजमहल को बचाना है तो ये करे सरकार हजरत मोहम्मद साहब का एकता, समन्वय एवं सद्भाव पर जोर डॉ. राजीव जैन कहते हैं- हमारी आस्था को आधार देने वाले, जीवन को कल्याणमय बनाने वाले, धार्मिक परम्परा की अहिंसामूलक संस्कृति की ज्योति को प्रकाशमान करने वाले तथा जन-डन का कल्याण करने वाले महापुरुष, पैगम्बर और संत माने गए हैं। भारतीय संस्कृति में सभी धर्मों का आदर किया गया है। सर्वधर्म समभाव यहां की मूल पहचान है। कहा भी जाता है- मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना। इस्लाम धर्म के प्रख्यात पैगम्बर हजरत मोहम्मद साहब ने तो एकता, समन्वय एवं सद्भाव पर अत्यंत जोर दिया है। उन्होंने सम्पूर्ण विश्व को मानवता का संदेश दिया है। उनके विचारों को अंगीकार किया जाना चाहिए।
यह भी पढ़ें कृष्ण जन्म से दशावतर तक की लीलाओं ने भक्तों को किया भाव विभोर इस्लाम में सद्भावना के संदेश मेरे आने का मकसद यह है कि मैं नैतिकता को उसके शिखर तक पहुंचा दूं -कंजुल आमाल
ऐ खुदा मैं कुबूल करता हूं कि सारे इंसान आपस में बराबर हैं- अबू दाऊद धर्म लोगों के लिए शुभकामनों का नाम है- मुस्लिम सभी इंसान आपस में इस तरह से बराबर हैं जैसे कंघी के दांत बराबर होते हैं- हदीस
खबरार, आपस के झगड़ों से बचो, क्यों यह बर्बाद कर देने वाला है- जामे सफी आपस में उपहार का लेन-देन कोर, इससे प्यार बढ़ता है- मिश्कात तुम किसी जरूरतमंद को पाओ तो उसकी मदद करो- नबी-ए-रहमत
खुदा बुराई को बुराई से नहीं मिटाता बल्कि बुराई को भलाई से खत्म करता है, क्योंकि गंदगी को गंदगी से नहीं हटाया ज सकता- मिश्कात जो लोग इंसानों पर रहम नहीं करते, खुदा उन पर रहम नहीं फरमाता- फतह-उल-बारी
खुदा ने मुझे हुक्म दिया है कि तुम नरमी से पेश आओ, कोई किसी पर अपनी बड़ाई न जताए। कोई किसी पर जुल्म न करे, कोई किसी का हक न मारे- मुस्लिम लोगो तुम जमीन वालों पर रहम करो, आसमान वाला तुम पर रहम करेगा- तिरमिजी
सारी मानवजाति ईश्वर का परिवार है और इंसानों में खुदा को वह सबसे ज्यादा प्यारा है, जो खुदा के खानदान के साथ अच्छा सुलूक करता है- बिहकी जिस मुल्क में दूसरों का हक मारने और किसी के हक पर कब्जा करने का चलन आम हो जाए, वहां खुदा दुश्मन का डर पैदा कर देता है। जिस मुल्क में जिनाकारी (व्यभिचार) फैल जाए, वह विनाश को पहुंच जाता है। जहां नापतौल में बेईमानी हो, कमाई की बरकत खत्म हो जाती है। जहां गलत और जबरन फैसला हो, वहां खून-खराबा होता है और जो कौम वायदे तोड़ती है, उस पर दुश्मन का कब्जा हो जाता है- मिश्कात
पहलवान वह नहीं है जो अपने विरोधी को पछाड़ दे, पहलवान वह है जो अपने गुस्से पर काबू रखे- मुस्लिम
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