पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य कर रही संस्था चैतन्य वेलफेयर फाउण्डेशन द्वारा लखनऊ के कैफी आजमी ऑडीटोरियम मे पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य कर रहे पूरे प्रदेश से चुने हुए व्यक्तियों को सम्मानित किया गया, जिनमें आगरा के शिक्षक शैलेन्द्र नरवार को प्रकृति रत्न सम्मान 2019 से सम्मानित किया गया| लखनऊ की महापौर संयुक्ता भाटिया व पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह, राज्य सूचना आयुक्त सुभाष चन्द्र सिंह, डीजी टेकनीकल महेन्द्र मोदी ने उन्हें सम्मानित किया।
संस्था की अध्यक्षा श्रीमती ओम सिंह ने पर्यावरण को सबसे बड़ी चुनौती बताते हुए सभी से अपने छोटे छोटे उपायों से पर्यावरण संरक्षण में बहुमूल्य योगदान की अपील की। साथ ही उन्होंने शैलेन्द्र नरवार द्वारा पर्यावरण के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए सभी को इस दिशा में सभी को जागरूक होने की बात कही। पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह ने पर्यावरण संरक्षण हेतु छोटे-छोटे उपायों के महत्व को सभी को बताया व उन्हें अपनाने की सभी से अपील भी की।
प्रकृति रत्न सम्मान से सम्मानित शैलेन्द्र नरवार एक शिक्षक, इतिहासविद एवं पर्यावरणविद हैं। शिक्षाविद डॉ. विजेंद्र सिंह नरवार के सुपुत्र शैलेन्द्र नरवार शिक्षक के साथ साथ समाजसेवा व पर्यावरण के क्षेत्र में निरंतर सक्रिय हैं तथा अधिकाधिक पौधारोपण, जल-संरक्षण, जैव-विभिधता संरक्षण, पशु-पक्षियों को बचाने के लिए विभिन्न प्रकार से निरंतर प्रयास कर रहे हैं। शैलेन्द्र नरवार विशेष रूप से यमुना नदी को बचाने हेतु जागरूकता लाने में निरंतर उल्लेखनीय प्रयास कर रहे हैं। एक कुशल लेखक शैलेन्द्र ने आपने विभिन्न लेखों, संगोष्ठियों, शॉर्ट फिल्मों आदि के माध्यम से पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाने में उल्लेखनीय प्रयास किये हैं। शैलेन्द्र ने स्वयं के प्रयासों से विभिन्न ऐतिहासिक, सामाजिक व पर्यावरणीय विषयों पर प्रभावशाली डॉक्यूमेंट्री फिल्म का निर्माण व निर्देशन किया है, जिनमें नेत्रदान को प्रेरित करती फिल्म “एक उम्मीद रोशनी की”, “युग पुरुष” व यमुना के प्रति जागरूकता हेतु बनाई गयी फिल्म “सेव यमुना” आदि को लोगों द्वारा बहुत ही प्रशंसा व सराहना मिली है। पूर्व में भी शैलेन्द्र नरवार को उनके सरहनीय प्रयासों के लिए समय समय पर विभिन्न संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया जाता रहा है।