आगरा के एसीपी ने क्या बताया?
एसीपी हरीपर्वत आदित्य ने बताया कि आगरा के जूता कारोबारी निमित मगन की एमएस श्राफ सेल्स कॉपरपोरेशन के नाम से फर्म है। फर्म का खाते से सात व आठ जुलाई को ऑनलाइन 77.93 लाख रुपये निकल गए थे। जानकारी होने पर पीड़ित कारोबारी ने पुलिस से शिकायत की। साइबर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया। ईमेल हैक करके बदलवा दिया रजिस्टर्ड नंबर
एसीपी ने बताया कि पुलिस को छानबीन में पता चला कि शातिरों ने बैंक में रजिस्टर्ड ईमेल आईडी को हैक किया। उससे बैंक को रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर बदलने के लिए मेल किया। बैंक ने नया नंबर रजिस्टर्ड कर लिया। उस नंबर पर खाते से संबंधित ओटीपी आए। ऑनलाइन रकम कई खातों में ट्रांसफर की गई। ट्रांसफर के बाद रकम को निकाल भी लिया गया।
आखिर कैसे मिली डिटेल, हो रही है इसकी जांच
अभी यह पता नहीं चल सका है कि साइबर अपराधियों को कैसे पता चला कि निमित मगन के खाते में कौन सी ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड है। हो न हो यह जानकारी किसी बैंक कर्मी से मिली होगी। पूर्व में साइबर क्राइम की बड़ी वारदातों में बैंक कर्मियों की भूमिका भी निकली है। बैंककर्मी जेल तक गए हैं।
थाणे से एक आरोपित गिरफ्तार
पुलिस ने शास्त्रत्त्ीनगर, कल्यान रोड थाणे (महाराष्ट्र) निवासी आफताब खुर्शीद को पकड़ा है। वह आईटीआई पास है। उसने पुलिस को बताया कि गैंग में चार से अधिक सदस्य है। सरगना ही ईमेल आईडी हैक कराता है। उसी के पास कहीं से खातों की डिटेल आती है। उसका काम रकम निकलने के बाद शोरूमों से सोने की ज्वैलरी खरीदने का होता है। बदले में उसे कमीशन मिलता है। सरगना वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) का प्रयोग करता है। जब भी फोन करता है विदेशी नंबर मोबाइल पर दिखते हैं। पुलिस का छानबीन में यह भी पता चला है कि गैंग के सदस्य इंटरनेशनल सिमकार्ड का भी प्रयोग करते हैं।