डीएम एनजी रवि कुमार ने कहा कि इस सम्बन्ध में आमजन का भी सहयोग लिया जाए। सभी खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी गावों में स्थित पुराने तालाबों की सफाई, स्कूलों में वाटर हार्वेस्टिंग व स्कूलों पर स्थित हैण्डपम्प के पास सोकपिठ बनाया जाए, जिससे हैण्डपम्प का पानी सोकपिठ में एकत्र होकर जमीन के अन्दर जा सके। इस अवसर पर इसरो के वैज्ञानिक डॉ. ए श्रीनिवासन ने प्रस्तुतिकरण के द्वारा इसरो द्वारा बनाये गये मैप के प्रत्येक पहलुओं पर विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि मैप का अध्ययन से यह पता लगाया जा सकता है कि किस जगह पर तालाब की खुदाई व जल संग्रहण हेतु अन्य कार्य कराए जाएं, जिससे वर्षा का जल वहां एकत्रित हो सकें।
रेन वाटर हार्वेस्टिंग पर जोर
उन्होंने जनपद में भूमिगत जल स्तर बढ़े, इसके लिये जल का संरक्षण, रेन वाटर हार्वेस्टिंग व परम्परागत जल निकायों के जीर्णोंद्धार पर विशेष बल दिया। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी जेरीभा, परियोजना निदेशक अवधेश कुमार वाजपेयी, जिला विकास अधिकारी देवेन्द्र प्रताप सहित सभी खण्ड विकास अधिकारी व अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित थे।