पंडित रवि शर्मा का कहना है कि सूर्य का दान ब्राह्मण को दिया जाता है, क्योंकि सूर्य ब्राह्मण वर्ग के हैं। राहु, केतु और शनि का दान निम्न वर्ग के लोगों को किया जाता है, जैसे कुष्ठ रोगी और भिखारी। यदि राहु का दान अन्य किसी को देंगे तो लाभ नहीं मिलेगा। जो देव जिस ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है, उसे ही दान देना चाहिए। अगर हम सूर्य का दान किसी भिखारी को देंगे तो उसका कोई महत्व नहीं है। इसी तरह शनि का दान ब्राह्मण को देने से कोई लाभ नहीं होने वाला है।
क्या चौराहों पर खड़े होकर भीख मांगने वालों को भीख देनी चाहिए, सवाल पर रवि शर्मा ने कहा कि किसी से जाति पूछकर दान नहीं दिया जा सकता है, केवल कर्म देखकर करते हैं। जिन लोगों ने भिक्षा को व्यवसाय बना रखा है, क्या उन्हें दान देना श्रेयष्कर है। उन्होंने सवाल पर कहा कि हम किसी को चेक नहीं कर सकते हैं वर्ना फिर दान भी नहीं कर पाएंगे। व्यक्ति का कर्म बताता है कि दान देने लायक है या नहीं।
उन्होंने कहा कि दान में दी गई चीज का दान लेने वाला व्यक्ति गलत उपयोग करता है, तो उसका दुष्प्रभाव दान देने वाले पर भी होता है। इससे निपटने का तरीका यह है कि योग्य को दान दें। प्रयास करें कि योग्य व्यक्ति मिल जाए।