थाना कागारौल के बीसलपुर गांव निवासी अमित चतुर्वेदी अप्रैल 2014 में सेना की 17 पैराफील्ड रेजीमेंट में भर्ती हुए थे। अमित चतुर्वेदी फिलहाल अरुणाचल प्रदेश में पस्टिड थे। उन्होंने एक दिन पहले ही माता पिता से फोन कर सोमवार यानि कि तीन जून को घर आने की बात कही थी। इससे पहले ही रविवार को वह उग्रवादियों से लोहा लेते समय अरुणाचल प्रदेश में शहीद हो गए।
शहीद अमित के पिता रामवीर चतुर्वेदी भी सेवानिवृत्त सूबेदार हैं। उनके तीन बेटे सेना में हैं। रामवीर चतुर्वेदी को आगरा सेना मुख्यालय से जब अमित की शहादत का फोन आया परिवार में कोहराम मच गया।
बताया जा रहा है कि अमित का तीन जून को जन्मदिन भी है। अमित परिवार के साथ जन्मदिन की खुशियां मनाने ही आ रहे थे लेकिन इसे पहले ही वह शहीद हो गए।