13200 करोड़ रुपये की लागत का 302 किलोमीटर लम्बा आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे रिकॉर्ड 22 महीने में हुआ था तैयार। इसकी गुणवत्ता का अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि इस पर फाइटर प्लेन भी उतारे जा चुके हैं। अखिलेश यादव ने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे को विकास का मॉडल बताया था। अब इसकी गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं। इससे पहले आगरा विकास प्राधिकरण द्वारा बनाए गए इनर रिंग रोड में दरारें आई थीं।
फतेहाबाद रोड से इनर रिंग रोड पर जाइए। वहां से से जैसे ही आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर चढ़ते हैं तो विकास का मॉडल मुंह चिढ़ाता नजर आ रहा है। 700 मीटर के कट पर सड़क के बराबर से दरारे हैं। 14.6 किलोमीटर पर 700 मीटर की नाली पूरी तरह बह गई है। आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे का निर्माण पीएनसी, एलएनएटी समेत चार संस्थाओं ने मिलकर किया है। शुरू का 56 किलोमीटर का निर्माण पीएनसी ने किया है। यहीं पर दरारें हैं।
इस बार में जब पीएनसी के सहायक महाप्रबंधक आरपी गोयल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मैं अधिकृत नहीं हूं, आप यूपीडा से बात कीजिए। यूपीडा ही आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे की देखभाल करता है। इससे पहले यह कहा गया था कि जहां दरारे आई हैं, वहां के किसानों ने नाली बनाने के लिए जमीन नहीं दी। इसी कारण पानी के कारण दरारें पड़ गई हैं। बता दें कि 18 जुलाई, 2018 की बारिश के बाद इनर रिंग रोड में गहरे गड्ढे पड़ गए थे। इसका निर्माण आगरा विकास प्राधिकरण ने किया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तत्काल ही जांच का आदेश दिया था। लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता इसकी जांच कर रहे हैं। देखना यह है कि आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पड़ी दरारों की जांच कराते हैं या नहीं?