सेठ हार गया सावन महादेव का सबसे प्रिय माह है। आगरा के चारों कोने पर भगवान शिव के चार प्रसिद्ध, प्राचीन, अनोखे और अदभुत शिव मंदिर हैं। इनमें से एक राजेश्वर महादेव मंदिर में सावन में मेला लगता है। बताया जाता है कि, करीब 900 साल पूर्व राजस्थान के राजाखेड़ा के साहूकार नर्मदा से भगवान महादेव की पिंडी लेकर आ रहे थे। रास्ते में जहां पर आज शिवलिंग है वहीं वह रुके। आराम के वक्त भगवान शिवजी ने सपना दिखाया कि, शिवलिंग यहीं स्थापित कर दिया जाए। पर, सेठ नहीं माने। अथक प्रयास के बाद भी शिवलिंग जब वहां से हिला नहीं। तब अंत में शिवलिंग को यहीं स्थापित कर दिया गया।
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Mausam Vibhag Alert : मौसम विभाग का यूपी के कई जिलों में 24-25 जुलाई को झमाझम बारिश का अलर्ट, आज इन जिलों में होगी जमकर बारिश शिव परिक्रमा की व्यवस्था करते थे अंग्रेज राजेश्वर मंदिर ट्रस्ट के उप महासचिव राज ठाकुर बताते हैं कि, अंग्रेजी हुकूमत में शिव परिक्रमा की व्यवस्था अंग्रेज करते थे। बल्लियां लगाकर उस पर लालटेन लगाई जाती थीं।
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आरबीआई ने यूपी के दो सहकारी बैंक पर लगाया प्रतिबंध, उपभोक्ता मायूस पूर्ण होती हैं मनोकामनाएं पुजारी रूपेश उपाध्याय का कहना है कि, सात सोमवार जो भगवान राजेश्वर शिवलिंग पर जलाभिषेक करता है तो उसकी हर मनोकामना पूरी होती है। सभी की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं इसलिए इस मंदिर की मान्यता दूर=दूर तक है।