आगरा। डॉक्टर्स डे पर वरिष्ठ स्त्री रोग और बांझपन विशेषज्ञ डॉ. जयदीप मल्होत्रा के खाते में बड़ी उपलब्धि आई है। उन्होंने जिनेवा में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डबल्यूएचओ) द्वारा आयोजित बैठक में भाग लिया। पीसीओएस नामक बीमारी के लिए गाइड लाइन बनाई। यह गाइड लाइन अब पूरे विश्व में लागू की जाएंगी।
पीसीओएस के इलाज की गाइड लाइन बनाई
पॉलीलिस्टिक ओवरी सिन्ड्रोम (पीसीओएस) का इलाज तो चल रहा है, लेकिन डॉक्टर्स के लिए अभी तक कोई गाइड लाइन नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने तय किया है कि इस बीमारी का इलाज कैसे किया जाए, कौन-कौन से परीक्षण कराए जाएं। मरीजों को किस तरह की हिदायत दी जाए। गाइड लाइन बनाने के लिए इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ गायनीकोलोजी एंड ऑब्स्टेट्रिक्स (फीगो) की साउथ एशिया अध्यक्ष डॉ. जयदी मल्होत्रा को बुलाया गया। उन्होंने जेनेवा मेंदो दिन तक चली चिकित्सकों की बैठक में भाग लिया। वे मानक तय किए, जिनके आधार पर पूरी दुनिया के डॉक्टर इलाज करेंगे।
जिनेवा में हुई बैठक में भाग लेने के बाद साथी चिकित्सकों साथ डॉ. जयदीप मल्होत्रा दाएं बैठे हुए।
क्या है पीसीओएस
पीसीओएस एक ऐसी बीमारी है, जिससे महिलाएं बुरी तरह पीड़ित हैं। समस्या यह है कि बीमारी अब किशोरियों में भी होने लगी है। इस बीमारी में ओवरी में अंडे नहीं बनते, जिससे गर्भधारण नहीं हो पाता है। ओवरी में छोटी-छोटी सिस्ट बन जाती हैं। हार्मोन का संतुलन बिगड़ जाता है। इससे मोटापा छा जाता है। मुंह पर मुंहासे आ जाते हैं। चेहरे पर बाल आ जाते हैं। महावारी बंद हो जाती है या रुक-रुककर होती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 10 साल पहले इस बीमारी के बार में सोचा था और गाइड लाइन अब बन रही है।
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