शिवराज सिंह चौहान ने कहा- प्रदेश में जगह-जगह सोयाबीन की फसलों में अफलन की स्थिति है। ऐसे में कमलनाथ सरकार की ड्यूटी है कि वह तत्काल सर्वे करवाये और किसानों को मुआवज़े और राहत की राशि उपलब्ध कराए। कमलनाथ जी को फूलों की माला नहीं, सोयाबीन की माला पहनाऊंगा। मुख्यमंत्री को किसानों की चिंता नहीं है। किसान की फसल बर्बाद होती है, तो केवल फसल नहीं बर्बाद होती है, बल्कि किसान की जिंदगी बर्बाद होती है।
शिवराज सिंह चौहान ने आक्रोश रेली में किसानों को संबोधित करते हुए कहा- सीहोर, देवास और शाजापुर के किसानों ने मुझे सोयाबीन की अफलन की शिकार हुई फसल दी, तो उसी रात दस बजे सीहोर कलेक्टर से मिला और कहा कि फसल लीजिए और सर्वे कराकर जल्दी से किसान को राहत देने की व्यवस्था कीजिए। मैं कमलनाथ सरकार को चेतावनी दे रहा हूं कि सर्वे करवाकर जल्दी से मुआवजा दें। एक हफ्ते के अंदर सर्वे शुरू नहीं हुआ तो जहां सरकार के मंत्री और अफसर जायेंगे, उनका घेराव किया जायेगा।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा- सरकार से हमारी मांग है कि सर्वे करवाकर शीघ्र 40 हजार रुपया प्रति हेक्टेयर के हिसाब से किसानों को मुआवजा दीजिए और फसल बीमा योजना का पैसा मिले, इसका पुख्ता इंतजाम भी होना चाहिए। सोयाबीन के किसानों की बर्बाद फसलों के मुआवजे और फसल बीमा योजना की राशि एवं 2 लाख रुपये की कर्जमाफी के वायदे को पूरा करे। सोयाबीन की फसल खराब होने के कारण प्रदेश के किसान बेहाल हैं। एक झटके में 10 दिनों में किसानों का कर्जा माफ होना चाहिए था। कांग्रेस ने तो किसानों को लाल, पीले, नीले फार्मों के चक्कर में फंसा दिया। कमलनाथ जी सभी किसानों का 2 लाख रुपया कर्जा माफ करना होगा।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा- सोयाबीन का मुआवजा, फसल बीमा की राशि चाहिए। इसके साथ सोयाबीन का 500 रुपया, गेहूं का 300 रुपया और धान का बोनस भी चाहिए। किसानों के हक की लड़ाई लडूंगा और जब तक इसको अंजाम तक नहीं पहुंचा देता, चैन से नहीं बैठूंगा।