चार वर्षों तक सब कुछ ठीक रहा नए मामले में 32 वर्षीय इंजीनियर विक्रम (काल्पनिक नाम) का वर्ष 2016 में पहला Heart Transplant हुआ था। अगले चार वर्षों तक सब कुछ ठीक रहा। इस बीच विक्रम ने वर्ष 2018 में अपनी प्रेमिका से शादी भी की। पत्नी ने भी खूब साथ निभाया। वर्ष 2020 में विक्रम Corona Virus से संक्रमित हो गए। उपचार के बाद स्वस्थ हुए, इसके बाद बेटी के जन्म ने खुशियों से दामन भर दी। लेकिन, वर्ष 2021 से विक्रम का स्वास्थ्य बिगड़ना शुरू हो गया।
प्रत्यारोपण अंतिम विकल्प पीठ और सीने में दर्द ने एक नई चुनौती को जन्म दिया। हृदय की धमनियां संकुचित होने लगी थीं। इसके अलावा, वर्ष 2022 में एक फॉलो-अप इकोकार्डियोग्राम में गंभीर बाइवेंट्रिकुलर डिसफंक्शन का खुलासा हुआ। हृदय प्रत्यारोपण अंतिम विकल्प था।
अंतत: शरीर ने हृदय को स्वीकारा एस्टर सीएमआइ में हृदय रोग व प्रत्यारोपण विशेषज्ञ डॉ. नागमलेश यू. एम. ने बुधवार को बताया कि गत वर्ष दिसंबर में विक्रम का दूसरी बार हृदय प्रत्यारोपण (Second Heart Transplant) हुआ। रक्त पतला करने वाली दवाओं के कारण रक्तस्राव चुनौती बनी रही। काफी मुश्किलों व चिकित्सा हस्तक्षेपों के बाद शरीर ने हृदय को स्वीकार किया। प्रत्यारोपण के करीब छह महीने बाद विक्रम स्वस्थ हैं।
हृदय निकालने में लगे छह घंटे हृदय सर्जन डॉ. दिवाकर भट ने बताया कि प्रत्यारोपण से पहले विक्रम का दूसरा Heart उसके शरीर से निकालना अपने आप में चुनौतीपूर्ण था। पूरी प्रक्रिया करीब छह घंटे तक चली। आम तौर पर इसमें करीब आधा घंटा ही लगता है।