आजकल कुछ युवतियां भी भावी पति के लिए यह व्रत रखती हैं, हालांकि उनके व्रत का नियम कुछ अलग है। इसके अलावा कुछ पति भी करवा चौथ का व्रत रखते हैं। बहरहाल, इस व्रत में सबसे पहले देवी पार्वती, भगवान शिव, कार्तिकेय, गणेश जी और चौथ माता (देवी पार्वती का रूप) की पूजा की जाती है।
करवा चौथ की कथा सुनी जाती है। बाद में चन्द्रमा के दर्शन और करवा (मिट्टी के पात्र से) उनको अर्घ्य के बाद ही यह व्रत तोड़ा जाता है। करवा चौथ का व्रत काफी कठोर व्रत माना जाता है, क्योंकि इस दिन चंद्र दर्शन तक महिलाएं बिना अन्न और जल ग्रहण किए उपवास रखती हैं। पूजा के बाद इसे ब्राह्मण या किसी योग्य महिला को दान में दे दिया जाता है।
ये भी पढ़ेंः Saptahik Rashifal 13 to 19 October: दो राशि के लोगों को इस सप्ताह मिलेगी बड़ी खुशखबरी, जानें कौन हैं वो लकी राशियां कब है करवा चौथ (karwa chauth 2024)
कार्तिक कृष्ण चतुर्थी तिथि प्रारंभः रविवार, 20 अक्टूबर 2024 को सुबह 06:46 बजे से
कार्तिक कृष्ण चतुर्थी तिथि समापनः सोमवार, 21 अक्टूबर 2024 को सुबह 04:16 बजे तक
करवा चौथ व्रतः रविवार, 20 अक्टूबर 2024
करवा चौथ पूजा मुहूर्त: शाम 05:46 बजे से शाम 07:02 बजे तक
अवधिः 01 घण्टा 16 मिनट
करवा चौथ व्रत समयः सुबह 06:25 बजे से शाम 07:54 बजे तक
अवधिः 13 घण्टे 29 मिनट
करवा चौथ के दिन चंद्रोदयः शाम 07:54 बजे तक
ये भी पढ़ेंः Karwa Chauth 2024: करवा चौथ पर राशि अनुसार पहनें इस रंग की साड़ी, बढ़ेगा पति का प्यार करवा चौथ पूजा विधि (karwa chauth 2024 Puja Vidhi)
1.
करवा चौथ व्रत वाले दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान कर साफ-सुधरे कपड़े पहनें और व्रत का संकल्प लें। 2. इसके बाद साफ हाथों से घर की दीवारों पर गेरु से करवा का चित्र बनाएं। सोलह श्रृंगार कर पूजा स्थल पर माता पार्वती, भगवान शिव, गणेशजी, कार्तिकेय की तस्वीर को रखें।
3. एक करवा में जल भरकर पूजा के स्थान पर रखें और उसमें जल भरें। 4. इसके बाद सूर्य को अर्घ्य दें और चौथ माता की कहानी सुनें। कथा पूर्ण होने के बाद बड़े लोगों के पैर छूकर आशीर्वाद लें।
5. शाम के लिए पूजा के लिए थाली तैयार कर लें, फिर एक चौकी पर करवा माता की तस्वीर रखें, उसके बाद दीया जलाएं। 6. गौरा पार्वती, चौथ माता और पूरे शिव परिवार की पूजा करें। करवा चौथ की कथा सुनें और पति की दीर्घायु के लिए मन ही मन प्रार्थना करें।
7. चांद निकलने के बाद चंद्रमा को अर्घ्य दें और छलनी की सतह पर जलता हुआ दीया रखकर चंद्र दर्शन करें, फिर इसी से पति का मुंह देखें। 8. चंद्रमा को देख कर अपनी पति की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करें, फिर पति के हाथों से पानी पीकर व्रत को खोलें। घर के सभी बड़ों का आशीर्वाद लेकर करवा को सास या किसी सुहागिन स्त्री को दे दें, और उनके पैर छू लें।