महिला दासियों से ज्यादा किन्नर
मुगल हरम (Mughal Harem) वो महल होते हैं जहां पर सिर्फ बादशाह और शहजादों की बेगम और उनकी शहज़ादियां रहती थीं। उनके अलाव हजारों दासियां भी यहां रहती थी जो बेगम और उनकी बहू-बेटियों की खिदमत करती थीं। किताब के मुताबिक हरम में जितनी महिला दासियां नहीं थीं उनसे ज्यादा यहां किन्नर काम करते थे। इन किन्नरों को वो विशेषाधिकार मिले हुए थे जो रानियों की खास दासियों तक को नहीं मिलते थे। वहीं इन किन्नरों को बादशाह को खुश करने का काम भी दिया जाता था। जिसके लिए वो नाच-गाना भी करते थे। ये भी पढ़ें-
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इस काम के अलावा किन्नरों का अहम काम होता था हरम में होने वाले या हो रहे हर षड्यंत्र का पता लगाना और उसे बादशाह तक पहुंचाना। जिस पर ये बादशाह इन किन्नरों पर बेहद खुश होते थे। यहां रहने वाली महिलाओं के लिए किन्नर कुछ अहम काम भी करते थे जैसे वो हरम के सुरक्षा गार्ड के रूप में काम करते थे। वो हरम की महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करते थे और हरम के अंदर किसी भी अजनबी या पुरुष के प्रवेश को रोकते थे।
किन्नर हरम के प्रशासनिक कामकाज में भी शामिल होते थे। वे हरम की आर्थिक स्थिति, नियम और अनुशासन बनाए रखने में मदद करते थे। इसके अलावा किन्नर अक्सर संदेशवाहक के रूप में काम करते थे। वो बादशाह और हरम की महिलाओं के बीच संदेशों का आदान-प्रदान करते थे। वहीं हरम के बच्चों की देखभाल और पालन-पोषण भी किन्नरों की जिम्मेदारी होती थी। वो बच्चों को शिक्षित करने और उनकी सुरक्षा का ध्यान रखने में मदद करते थे।
बादशाह के साथ करते थे ये काम
मुगल हरम में किन्नरों की भूमिका केवल हरम की महिलाओं और बच्चों तक सीमित नहीं थी। वे मुगल बादशाह के साथ भी अहम काम संभालते थे। जैसे ये किन्नर अक्सर बादशाह के निजी सहायक के रूप में कार्य करते थे। वे बादशाह के निजी कामकाज, दिनचर्या और व्यक्तिगत जरूरतों का भी ध्यान रखते थे। किन्नर हरम के भीतर और बाहर होने वाली बातचीत को भी मैनेज करते थे। वो हरम की महिलाओं की इच्छाओं और समस्याओं को बादशाह तक पहुंचाते थे और बादशाह के आदेशों को हरम में लागू करते थे।
इसके अलावा किन्नर कई बार जासूसों के तौर पर काम करते थे। जो हरम और राजदरबार के भीतर और बाहर की गतिविधियों पर नजर रखते थे। उनकी सूचना बादशाह को राजनीतिक और सामाजिक तौर पर काम करने में मदद देती थी। किन्नर बादशाह के बच्चों को शिक्षित करने और उन्हें हरम के नियम-कानून सिखाने में भी सहायता करते थे। वे बच्चों को अनुशासन और शिष्टाचार सिखाते थे।
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किताब के मुताबिक इन हरम में रहने वाले ज्यादातर किन्नरों को एशिया और अफ्रीका से बुलाया जाता था। इन किन्नरों के शरीर पर ज्यादा से ज्यादा ध्यान दिया जाता था, ज्यादातर किन्नर भारी-भरकम शरीर वाले होते थे। ऐसा इसलिए किया जाता था क्योंकि हरम का अहम किरदार होने के चलते वो दुश्मनों के भी टारगेट होते थे ऐसे में वो हर मुश्किल से खुद को बचा सके। इसलिए उन्हें शारीरिक और मानसिक तौर पर वैसा बनाया जाता था।
(डिस्क्लेमर- इस लेख में दिए गए तथ्य मुगलकालीन, आधुनिक इतिहासकारों और उनकी किताबों में लिखे तथ्यों पर आधारित है। पत्रिका न्यूज इसमें दिए गए किसी भी तथ्य की पुष्टि नहीं करता।)